नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में गुरुवार को शोध सलाहकार समिति की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो. एनके जोशी ने की। बैठक में वर्ष 2022 से कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के तीन शोधर्थियों को प्रो. डीडी पंत, प्रो. केएस वल्दिया और प्रो. वाईपीएस पांगती छात्रवृत्ति दिये जाने का निर्णरय लिया गया। शोध छात्रवृत्ति, प्री पीएचडी कोर्सवर्क, पीएचडी मौखिकी परीक्षा, पीएचडी प्रवेश परीक्षा आदि से सम्बंधित विभिन्न प्रस्तावों का समिति सदस्यों द्वारा सर्वसम्मिति से अनुमोदन किया गया।
बैठक में प्री पीएचडी कोर्सवर्क की परीक्षा हेतु प्रत्येक प्रश्न पत्र में पृथक-पृथक 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य किये जाने का भी अनुमोदन किया गया। बैठक में वर्ष 2022 से शोध कार्य हेतु 62 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके प्राध्यापकों को शोधार्थी आवंटित न किये जाने का अनुमोदन किया गया साथ ही पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए केन्द्राध्यक्ष तथा पर्यवेक्षक के मानदेय बढ़ाये जाने का भी सर्वसम्मिति से अनुमोदन किया गया।
शोध सलाहकार समिति की बैठक में डीलिट/डीएससी के पंजीकरण शुल्क और काउन्सिलिंग शुल्क के बढ़ाये जाने पर यह तय किया गया कि यह बढ़ोत्तरी वित्त समिति/कार्यपरिषद् के अनुमोदन के पश्चात् लागू होगी।
बैठक में तय किया गया कि अगर कोई शोधार्थी अथवा शोधार्थी दल किसी पेटेंट को फाईल कर उसे प्राप्त करता है तो उसे विश्वविद्यालय द्वारा प्रति पेटेंट प्रोत्साहन राशि प्रदान की जायेगी। सिल्वर जुबली छात्रवृति की धनराशि को बढ़ाये जाने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जायेगा।पीएचडी में प्रवेश के लिए एक काउंसलिंग में एक शिक्षक को अधिकतम 2 ही शोधार्थी दिए जाएंगे।काउंसलिंग केवल एक ही बार होगी। शोध रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जायेगा।
बैठक का संचालन निदेशक, शोध एवं प्रसार प्रो. ललित तिवारी ने किया। इस दौरान कुलसचिव दिनेश चंद्रा, वित्त अधिकारी अनीता आर्या, कार्यपरिषद सदस्य डॉ. प्रकाश पांडे, डॉ. सुरेश डालाकोटी, कैलाश जोशी, डॉ. बीएस जीना, संकायाध्यक्ष कला प्रो. आरके पांडे, संकायाध्यक्ष वाणिज्य प्रो. अतुल जोशी, संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो. एबी० मेलकानी आदि मौजूद रहे।