आखिर किस ठेकेदार के इशारों पर चल रहा यह जनपद ?

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कहते है ना… सय्या कोतवाल तो डर काहे का… ठेकेदार अब ठेकेदारी छोड़ कुमाऊँ के एक बड़े जिले में पुलिस की चौकी और थानो की पोस्टिंग ट्रांफर कराने लगे है। अफसरशाही के चंगुल में बुरी तरह फस चुकी प्रदेश सरकार में अब तक लालफीता शाही हावी थी, अब ठेकेदारों द्वारा ट्रांफर पोस्टिंग में तक ठेका प्रथा देखने को मिल रही है। सत्ताधारी दल के नेताओ की चापलूसी छोड़ पुलिस कप्तान के करीबी ठेकेदार की चापलूसी में खाकी के रक्षक पूर्ण रूप से उतर चुके है, स्टारधारी खाकी के जवान पिछले लंबे समय से अपने ट्रांफर और मलाईदार कमाऊ पोस्टिंग के लिए इन ठेकेदार महोदय का दामन थामे हुए है। जिलेभर की खाकी ठेकेदार महोदय की चापलूसी भला क्यो न करें… कप्तान साहब के करीबी जो ठैरे… पुलिस के पास पहले ही तमाम तरह का कार्य सौंपा गया होता है, ऊपर से जिले में अच्छी मलाईदार पोस्टिंग पाने के लिए सफेदपोशो, उच्च अधिकारियों के अलावा अब ठेकेदारों के तलवे चाटने पड़ रहे है।

काबिल को इन दिनों काबलियत से नही चापलुसियत के आधार पर मापा जाने लगा है। सरकार की सुस्ती भरी उबासियां भरता यह जिला इन दिनों चर्चाओं का विषय बना हुआ है। जितनी तेजी से सरकार के इशारों पर पुलिस द्वारा पत्रकारो पर फर्जी मुकदमे लगाकर जेल भेजने का काम किया जा रहा है, कुछ उसी तेजी के साथ अपनी गलतियों को सुधारने का काम किया जाय तो अच्छा है। भला जब पुलिस कर्मी ने चापलूसी के बाद पद प्रतिष्ठा पाई हो वह जनहित छोड़ धनहित में बेहतर कार्य करने में महारथ हासिल होगी। सूत्रों की माने तो ठेकेदार महोदय के इशारों पर पुलिस द्वारा कानून की धज्जियां उड़ाकर नियमों के विपरीत काम किया जा रहा है। प्रदेश की त्रिवेन्द्र सरकार को अपनी गरिमा और जनता का विश्वास बरकरार रखने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।

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