उत्तराखंड में भी अब मरीजों को जल्द ही हेली सेवा के जरिए इलाज तक पहुंचने की सुविधा मिलने वाली है।जहां एम्बुलेंस को पहुंचने में समय लगता है वहां अब हेली सेवा के जरिए इलाज पहुंचाया जाएगा। जिससे पहाड़ी दुर्गम इलाकों के मरीजों को गोल्डन आवर में मिल सकेगा। बता दें कि देश के पर्वतीय इलाकों में पहली बार हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सेवा शुरू होने जा रही है। हाई ऐल्टिटूड पर हेलीकॉप्टर चिकित्सा सेवाएं देने के लिए सिक्स सिग्मा ने बीती 27 सितंबर को नॉर्वे के साथ करार किया है। बता दें नॉर्वे से 7 दिन की भारत यात्रा पर आये एक दल ने इस समझौते को अब एक कंपनी का रूप दे दिया है, जिसका संचालन सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर करेगा। इसी के साथ भारत में पहला हेलीकॉप्टर एंबुलेंस बेड़ा ऑर हेलीकॉप्टर फ्लाइट स्कूल स्थापित होगा।
इस बारे में जानकारी देते हुए सिक्स सिग्मा हाई ऐल्टिटूड मेडिकल सर्विस के प्रबंध निदेशक डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के लिए उनकी कंपनी ने नार्वे की हेलीट्रांन्स कंपनी के सीईओ ओले क्रिश्चन मैथ्यू के साथ दिल्ली में समझौता पत्र पर किए हस्ताक्षर किये हैं। अब हेलीकॉप्टर एंबुलेंस के साथ, एडवेंचर्स स्पोर्ट्स, रेस्क्यू, रोड एक्सीडेंट बचाव, आपदा प्रबन्धन, हेलीकॉप्टर फ्लाइट स्कूल के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर एंबुलेंस के अभाव में उन्होंने पहाड़ों पर बहुत लोगों को दम तोड़ते देखा है, इसलिए ‘पहाड़ों पर हेली एंबुलेंस’ का सपना आज पूरा हो रहा है। इसके लिए डबल इंजन वाले तीन हेलीकॉप्टर नार्वे से लाये जाएंगे।
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि कठिन पहाड़ी इलाकों में मेडिकल सर्विस देने के लिए सिक्स सिग्मा ने हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा ईएमएस और धार्मिक पर्यटन को विकसित करने की योजना बनाई है। जिसमें खासकर, एयर एंबुलेंस हेलीकॉप्टर से पहाड़ों पर भूस्खलन व दुर्घटनाओं में घायल लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया जा सकेगा। नार्वे की कंपनी के साथ किये गए करार के अनुसार भारत में ‘चेन ऑफ हेली एंबुलेंस’ सेवाओं की स्थापना करने के साथ ही भारत में पहला हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग स्कूल भी खोला जायेगा। जिससे पहाड़ों में मरीजों और जरूरतमंदों को तुरंत इलाज तक पहुंचने में सुविधा मिल सकेगी