चमोली के इस इलाके में रावण को माना जाता है पूजनीय, आज भी रामलीला मंचन की शुरुआत रावण के तप से ही होती है…

बदरीनाथ धाम के पुराने तीर्थमार्ग पर स्थित है। यहीं से 10 किलोमीटर दूर स्थित है बैरास…

वेस्ट फूल-पत्तियों-सब्जियों से डिजाइनर कपड़े तैयार कर रहीं पहाड़ की चेलियां…

नैनीताल। सरोवर नगरी की चेली आर्ट्स संस्था पहाड़ी उत्पादों और कुमाऊंनी संस्कृति को आगे बढ़ाने के…

सरोवर नगरी में रच-बस गया बंगाल का दुर्गा पूजा महोत्सव, सबसे पहले वर्ष 1956 में घट स्थापना कर मनाया गया था…

नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल में सर्ब जनिन दुर्गा पूजा कमेटी के तत्वावधान में इस बार 66वां…

यूनेस्को वर्ल्ड कल्चरल हेरिटेज में शामिल है कुमाऊं की रामलीला, ये है विशेषता…

शहरी चकाचौंध से दूर, पहाड़ की शांत वादियां। छोटे होते दिनों में आजकल पता ही नहीं…

उत्तराखंड में अल्मोड़ा में हुई थी सबसे पहले रामलीला, पेट्रोमैक्स और चीड़ के छिलके जलाकर होता था मंचन

बरसात बीत गई है। गांवों में मवेशियों के लिए चारे के लिए घास काटकर सुखाने की…

मां पूर्णागिरी : 52 शक्तिपीठों में से एक इस मंदिर में 1632 संवत् से शुरू हुई थी पूजा अर्चना, हर साल नवरात्र पर लगता है मेला…..

हिंदू धर्म में श्राद्ध खत्म होने के बाद से ही नवरात्र शुरू हो जाते हैं। शारदीय…

9 दिन, 1500 किमी का सफर: बद्री और बाबा केदार के दर्शन कर सकुशल साईकिल से लौटे रामनगर के युवा भक्त। पर्यावरण बचाने का दिया संदेश…

चारधाम की यात्रा करने के लिए हर भक्त बेताब रहता है। बद्री विशाल और बाबा केदार…

तिमिल के पत्तों में पितरों को अर्पित किया जाता है भोजन, उत्तराखंड में विशेषताओं के कारण माना जाता है खास…

हिंदू सभ्यता के अनुसार , अभी श्राद्ध पक्ष चल रहे हैं। वहीं आज सोमवार को पितृ…

कुमाऊं का लोकपर्व ‘खतड़वा’: गढ़वाल से जुड़ी किवदंती केवल भ्रांतियां… पशुओं के स्वास्थ्य की कामना से जुड़ा है यह पर्व।

आज खतड़वा त्योहार है। कुछ लोग इसे खतड़वा भी कहते हैं। समय के साथ इसे तराई…

पढ़िए, क्यों था हीरा सिंह राणा का पहाड़ से इतना जुड़ाव, उनके गीत आज भी याद दिलाते हैं पहाड़ का दर्द…

पहाड़ी महिलाओं की व्यथा को जन जन तक अपनी कविता के जरिए पहुंचाने वाले हीरा सिंह…