हल्द्वानी: भूस्वामी और खरीदारों के बीच समस्या को लेकर 25 अगस्त को होगी कार्यशाला…

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हल्द्वानी: जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय ने रेरा के नियमों को लेकर बताते हुए कहा कि भू स्वामियों और खरीददारों के बीच हो रही समस्या को लेकर आने वाली 25 अगस्त को हल्द्वानी नगर निगम सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी भू स्वामियों और खरीददारों की समस्याओं को सुनी जाएगी।

उन्होंने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया की सभी भू-स्वामियों के संज्ञान में लाना है कि वर्ष 2016 में भारत सरकार द्वारा भू-स्वामियों, भू-विकासकर्ताओं एवं खरीदारों के हितों के संरक्षण हेतु रियल स्टेट एक्ट 2016 को लागू किया गया।

इस अधिनियम की धारा-3 (2) (a) के अन्तर्गत 500 वर्गमीटर से अधिक के भू-विकास परियोजना एवं 08 यूनिट के अधिक फ्लैट के अपार्टमेंट की परियोजना का रेरा पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। उक्त के दृष्टिगत संज्ञान में आया है कि रेरा एवं विकास प्राधिकरण के नियमों, प्रक्रियाओं और प्राविधानों को लेकर किसानों, कॉलोनाईजर्स, दस्तावेज लेखक, डवलपर्स, अधिवक्ताओं आदि में कई बिन्दुओं पर शंका होने के तथ्य संज्ञान में आये हैं। उक्त के दृष्टिगत निम्न तथ्यों को स्पष्ट किया जाता है।

(1) जनपद नैनीताल में जिला विकास प्राधिकरण के क्षेत्रान्तर्गत भू-विन्यास, अपार्टमैंट निर्माण, मल्टी हाउसिंग निर्माण, ले-आउट निर्माण, निजी आवासीय / व्यवसायिक भवनों के निर्माण आदि से पूर्व जिला विकास प्राधिकरण से उत्तराखण्ड भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के अन्तर्गत मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य है।


(2) बिना स्वीकृत मानचित्र के उक्त प्रकार की परियोजना निर्माण एवं विक्रय करना अवैध है। (3) अवैध प्लाटिंग / ले-आउट का निर्माण कर विक्रय करने से अनियोजित विकास एवं अवैध निर्माण की गतिविधि हो रही है। क्रेताओं के हित नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। लैण्ड फ्रॉड के प्रकरणों में वृद्धि हो रही है। नवीन आवासीय क्षेत्रों में सड़क जल निकासी, विद्युत, पेयजल की गम्भीर समस्याऐं उत्पन्न हो रही हैं।

(4) कृषि भूमि के सम्बन्ध में स्पष्ट किया जाता है कि कृषि भूमि को कृषि प्रयोजन हेतु क्रय-विक्रय करने पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं है (ज0वि०एवं भू-व्यवस्था अधिo, 1950 के प्रतिबन्धों के आधार पर)।
(5) एक बड़े भूखण्ड / भूमि क्षेत्रफल को सड़क आदि का निर्माण कर छोटे-छोटे भूखण्ड बना कर रेरा का उल्लंघन न करने का शपथ पत्र देकर भूमि क्रय-विक्रय करना अवैधानिक कृत्य है। इससे अनियोजित विकास के साथ-साथ राज्य सरकार को वित्तीय हानि होती है तथा क्रेता के हित नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं।

(6) आवासीय प्रयोजन हेतु भूमि क्रय करने वाले क्रेताओं एवं अपने निवास हेतु फ्लैट क्रय करने वाले क्रेताओं से अपील है कि प्लाट अथवा फ्लैट खरीदने से पूर्व प्लाटिंग / ग्रुप हाउसिंग / मल्टीपल हाउसिंग मानचित्र की स्वीकृति का परीक्षण अवश्य कर लें और उसका उल्लेख विक्रय पत्र में अवश्य करायें। ऐसा करने से क्रेता के हित सुरक्षित होंगे तथा विवाद की स्थितियां समाप्त होंगी।
(7) रेरा सम्बन्धी प्राविधानों एवं विकास प्राधिकरण से सम्बन्धित नियमों के सम्बन्ध में तथा ले-आउट / ग्रुप हाउसिंग / मल्टीपल हाउसिंग / आवासीय / व्यवसायिक भवन मानचित्रों की स्वीकृति के सम्बन्ध में किसी प्रकार का संशय होने पर स्थिति स्पष्ट करने हेतु अथवा जानकारी प्राप्त करने हेतु जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण, नैनीताल के सक्षम प्राधिकारियों से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

स्वीकृति के सम्बन्ध में रेरा के प्राविधानों, प्राधिकरण के नियमों को स्पष्ट करने, इनकी जानकारी देने, उनसे जुड़ी शंकाओं का समाधान करने के लिये रेरा और जिला विकास प्राधिकरण, नैनीताल द्वारा दिनांक 25 अगस्त 2023 को अपरान्ह 3:00 बजे नगर निगम सभागार, हल्द्वानी में एक कार्यशाला आयोजित की जा रही है। उक्त कार्यशाला में सभी किसानों, कॉलोनाईजर्स, दस्तावेज लेखक, डवलपर्स, अधिवक्ताओं की शंकाओं का रेरा एवं जिला विकास प्राधिकरण के सक्षम प्राधिकारियों द्वारा समाधान किया जायेगा। उक्त कार्यशाला में सभी हितबद्ध समूह आमंत्रित हैं।