उत्तराखंड में अप्रैल से महँगी हो जाएगी शराब कीमतों में हुई 10 से 15 फीसदी बढ़ोतरी

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राज्य कैबिनेट ने वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है जिसके तहत अगले साल से शराब की कीमतों में तकरीबन 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। वहीं, बियर की कीमत में पांच प्रतिशत की कमी हो सकती है। नई नीति के तहत दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया भी बदली गई है। अब दुकानों का आवंटन ई-टेंडरिंग के माध्यम से होगा वहीं सभी दुकानें आवंटित हों सके इसके लिए दुकानों से मिलने वाले राजस्व में भी कटौती की गई है। केबिनेट बैठक में दुकानों के आवेदन शुल्क में 10 हजार रुपये की बढ़ोतरी पर मुहर लगी है जिसके बाद आवेदक को 50 हजार रुपये शुल्क देना होगा, पहले यह 40 हजार रुपये थे।


शनिवार हुई कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि आबकारी नीति में सभी व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाया गया है। जबकि नई नीति अब दो वर्ष के लिए प्रभावी होगी। इसके तहत दुकानों के लाइसेंस से लेकर ब्रांड मंजूरी की व्यवस्था ऑनलाइन जारी होगी । नीति में हर साल का आबकारी राजस्व लक्ष्य अलग-अलग रखा गया है। पहले वर्ष यह लक्ष्य 3200 करोड़ रुपये रखा गया है। इसमें बीते वर्ष से 200 करोड़ रुपये कम किया गया है।


वहीं अगले वर्ष यह राजस्व लक्ष्य 3600 करोड़ रुपये होगा। सभी दुकानों का राजस्व लक्ष्य भी नए सिरे से तय किया जाएगा। बीते वर्ष दुकानों के पूरी तरह आवंटन न होने के कारण इस बार इनकी संख्या कम कर 619 की गई है। बीते वर्ष इनकी संख्या 659 थी। इस बार देशी शराब की दुकानों से बियर बेचने की व्यवस्था भी की गई है। प्रदेश में यह व्यवस्था बीते दो वर्ष से बंद चल रही थी। इसके साथ ही अंग्रेजी शराब के गोदाम के लाइसेंस की फीस 12 लाख से बढ़ाकर 15 लाख और ब्रांड की लाइसेंस फीस 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की गई है। वहीं, देशी शराब के गोदामों का शुल्क भी पांच लाख रुपये निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही नीति में दुकानों में ओवर रेटिंग व अवैध शराब की तस्करी को लेकर भी जुर्माने की व्यवस्था की गई है।

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