‘पर्वत’ को ‘सागर’ से जोड़ने का कर रहा हूं प्रयास: भगत सिंह कोश्यारी

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नैनीताल। महाराष्ट्र के गर्वनर भगत सिंह कोश्यारी गुरुवार को नैनीताल राजभवन पहुंचे। यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तराखंड के लोगों का प्रेम है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक छोटे से गांव से मेरा सफर महाराष्ट्र के राज्यपाल तक का रहा है।

देवभूमि में मैंने जन्म लिया है, इसलिए मेरी यह ख्वाहिश है कि राज्य का नाम रोशन हो, मेरी कोशिश है कि अपने प्रदेश की बातें दूसरे प्रदेश तक पहुंचाऊं, वहां के लोगों को पहाड़ से जोड़ूं। चूंकि मैं पर्वत से सागर में गया हूं, इसलिए मेरा प्रयास है कि पर्वत से सागर को जोड़ूं। महाराष्ट्र से हजारों लोग यहां आते हैं। लोग केदारनाथ की यात्रा को महत्व दे रहे हैं। उनका उत्तराखंड के प्रति प्रेम बढ़ा है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यहां से अनोखा लगाव है। वह प्रधानमंत्री बनने के बाद कई बार केदारनाथ आ चुके हैं। शुक्रवार को भी वह बद्रीनाथ, केदारनाथ की यात्रा पर हैं। केदारनाथ के पुनर्निर्माण के बाद अब बद्रीनाथ का पुनर्निर्माण हो रहा है। बागनाथ, जागनाथ सभी मंदिरों का पुर्नद्धार होगा। सभी जगह प्रगति होगी। कुमाऊं में कैलाश मार्ग को भी पर्यटन के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। कर्णप्रयाग में भी लेन बन गई है। जल्द ही टनकपुर-बागेश्वर के लिए भी शुरुआत होगी।


वार्ता को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि लोग रिवर्स माइग्रेशन भी कर रहे हैं। वह अपने गांव वापस जाकर स्टार्टअप और लघु उद्योगों को बढ़ावा दे रहे हैं। कीवी, सेब उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है। कहा कि स्वरोजगार की दिशा में कार्य करने वाले लोगों को आगे बढ़ाना चाहिए। जिससे शहर के साथ ही गांवों का भी विकास हो। कहा कि महाराष्ट्र के कई उद्यमी से उनकी बात चल रही है जो उत्तराखंड में लघु उद्योग स्थापित करना चाहते हैं। वहीं महाराष्ट्र की राजनीति की उठापठक के सवाल पर उन्होंने साफ तौर पर कुछ भी कहने से मना कर दिया।

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