उत्तराखंड :- ग्रामीण क्षेत्रों को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए चलाया स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति किया जागरूक

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

उत्तराखंड में गांवों के खुले में शौच से मुक्त होने के बाद अब वहां स्वच्छता के स्तर को स्थायित्व प्रदान करने को कवायद तेज हो गई है। केंद्र सरकार के ध्वजवाहक कार्यक्रम स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के द्वितीय चरण में तरल व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े कार्यों के साथ ही जनजागरूकता पर खास फोकस किया गया है।इस कड़ी में 6281 ग्राम पंचायतों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई, जिनमें से 3083 में कार्य पूरे हो चुके हैं। 3189 पंचायतों में कार्य चल रहे हैं, जबकि 16 में शुरू होने हैं। 13 ग्राम पंचायतों के नगर निकायों में शामिल होने के कारण उनकी डीपीआर रद कर दी गई।

यह भी पढ़ें -   अक्षय तृतीया पर यमुनोत्री धाम के खुलेंगे कपाट...

ग्रामीण क्षेत्रों को साफ-सुथरा बनाए रखने के मद्देनजर वहां स्वच्छ भारत मिशन के कार्य स्वजल के माध्यम से कराए जा रहे हैं। स्वजल, पेयजल विभाग की इकाई के तौर पर कार्य करती है। मिशन के द्वितीय चरण में गांवों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नाली निर्माण, व्यक्तिगत व सामुदायिक सोख्ता पिट, वाटर ट्रीटमेंट यूनिट और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कूड़ा छंटाई व एकत्रीकरण केंद्र, व्यक्तिगत व सार्वजनिक कूड़ादान, वर्मी कंपोस्ट, प्लास्टिक श्रेडिंग मशीन, नेपिकन भष्मक, कूड़ा संग्रहण वाहन संबंधी कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही ग्राम पंचायत की बैठकों के अलावा आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं के माध्यम से ग्रामीणों को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें -   नैनीताल की क्षतिग्रस्त माल रोड की होगी मरम्मत, शासन से जारी हुई धनराशि

पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तय मानकों के अनुरूप स्वच्छता संबंधी कार्यों के लिए बजट अवमुक्त किया जा चुका है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मिशन के तहत अन्य ग्राम पंचायतों में भी स्वच्छता संबंधी कार्यों के लिए जल्द विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करें

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments