प्रधानमंत्री मोदी ने आदि कैलास के किए दर्शन और पार्वती कुंड के सामने लगाया ध्यान

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन सीमा से लगे ज्योलिंगकोंग पहुंचे। जहां पर उन्होंने ज्योलिंगकोंग स्थित मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने मंदिर की परिक्रमा करते हुए पार्वती कुंड पर ध्यान लगाया। ग़ुरूवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी ज्योलिंगकोंग हैलीपैड पर उतरे। वहां पर मुख्य सचिव एसएस संधू, मंडल आयुक्त दीपक रावत, सेना के अधिकारियों, बीआरओ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। स्थानीय लोगों की ओर से वस्त्र रं व्यंठलो और पगड़ी पहनाई।

ज्योलिंगकोंग से पार्वती कुंड को रवाना हुए। लगभग 200 मीटर पैदल मार्ग पर बिछी रेड कार्पेट से पार्वती कुंड पहुंचे। उन्होंने मंदिर में विधि विधान के साथ पूजा अर्चना, आरती, शंख और डमरू बजाया। पुजारी द्वारा पूजा कराई गई। बाद में पार्वती कुंड पर ध्यान लगाया और आदि कैलास की परिक्रमा की।

रं व्यंएठलो परम्परा में पवित्र वस्त्र माना जाता है। पुरुष प्रत्येक शुभ कार्यो और धार्मिक आयोजनों पर इसे पहनते है। प्रधानमंत्री के लिए उपहार के लिए व्यास घाटी के ग्रामीणों ने इसे तैयार किया था। स्थानीय परम्परा में पगड़ी पहनाने की प्रथा है।

आदि कैलास पार्वती सरोवर को कैलास जैसा ही माना जाता है। इसे आदि कैलास को कैलास मानसरोवर की ही संज्ञा मिली है। मान्यता है कि भगवान शंकर जब मां पार्वती को ब्याह कर कैलास जा रहे थे तो इस स्थान पर प्रवास किया। कुछ समय तक यहां पर रहे। पार्वती सरोवर बनाया। यहां पर मा पार्वती ने धान का रोपण किया था।

इसके बाद पीएम गुंजी गांव में सैनिकों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद अल्मोड़ा जिले में स्थित जागेश्वर धाम पहुंचेंगे। वहां से पिथौरागढ़ में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके लिए पिथौरागढ़ को जबरदस्त तरीके से सजाया गया है।

स्वयं पीएम ने एक्स के माध्यम से कहा है कि देवभूमि उत्तराखंड के जन-जन के कल्याण और राज्य के तेज विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इसे और गति देने के लिए पिथौरागढ़ में कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करूंगा। यहां के गुंजी गांव में लोगों से संवाद का सुअवसर भी मिलेगा। अपने इस दौरे में आध्यात्मिक महत्त्व के पार्वती कुंड और जागेश्वर धाम में दर्शन और पूजन की भी उत्सुकता से प्रतीक्षा है।

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