देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से अनोखा लगाव है। वह बद्री-केदार के दर्शन को एक बार फिर से शुक्रवार को यहां पहुंचे।
उत्तराखंड के दौरे पर वह वायुसेना के विमान से देहरादून पहुंचे और यहां से केदारनाथ रवाना हुए। इसके बाद उन्होंने बदरीनाथ धाम में पूजा-अर्चना की और यहां से अंतिम गांव माणा में जनसभा को संबोधित किया।
यहां जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए जा रहे स्थानीय उत्पादों की चर्चा की उन्होंने कहा कि लोकल फॉर वोकल के तहत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलना चाहिए।
उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि हमारी पहाड़ी माताएं और बहनें जो मसाले और पहाड़ी लूण तैयार कर रही हैं, उनकी पैकेजिंग से लेकर उन्हें बाजारों तक विक्रय करने का काम काबिले तारीफ है। उन्होंने उत्तराखंड यात्रा पर आने वाले लोगों से अपील की है कि वह अपनी यात्रा का 5% भाग यहां की महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों पर भी खर्च करें, जिससे उत्तराखंड की यात्रा और यहां के धामों से जुड़े संस्मरण के साथ ही रहे यहां के स्थानीय उत्पादों को भी अपने प्रदेश और स्थानों पर ले जाएं। भेंट के तौर पर भी इसे दूसरे लोगों को दें जिससे स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी बढे।
इसी के साथ उन्होंने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का होगा। सीमा पर रहने वाले लोग देश के सशक्त प्रहरी हैं। सीमा का आखिरी गांव ही पहला गांव है। बार्डर के गांवों में चहल- पहल बढ़नी चाहिए। साथ ही अपने ट्विटर अकाउंट पर भी उन्होंने देशवासियों से इस अपील को शेयर किया है–