नैनीताल: पर्यटकों को लुभा रहे पहाड़ी उत्पाद, भा रही कुमाऊंनी ऐपण वाली टोकरी…

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पीएमएफएमई योजना के तहत पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला उद्यान विभाग ने नैनीताल में खोला विक्रय केंद्र

नैनीताल। पीएमएफएमई योजना के तहत पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला उद्यान विभाग ने नैनीताल में अपना विक्रय केंद्र खोल दिया है। जिसमें पहाड़ी दालें, पहाड़ी फलों की चटनी, पहाड़ी लूण, जैम, स्क्ववैश, जूस समेत रिंगाल की टोकरी और कुमाऊंनी ऐपण से सजे गिफ्ट्स आइटम भी रखे हैं। 15 अगस्त से नैनीताल के डीएसए मैदान के पास इस विक्रय केंद्र को खोल दिया गया है। हालांकि अभी औपचारिक रूप से इसका शुभारंभ होना बाकि है। विक्रय केंद्र में स्थानीय लोगों समेत बड़ी संख्या में देश ही नहीं बल्कि विदेश के पर्यटक भी पहुंचने लगे हैं, जिन्हें यहां उपलब्ध सामान काफी भा रहा है।

विक्रय केंद्र में व्यवस्थाओं का कार्य देख रहीं अपर उद्यान अधिकारी प्रेमा राणा ने बताया कि भीमताल, धारी, रामगढ़, ओखलकाण्डा, बेतालघाट, बागेश्वर, रानीखेत, अल्मोड़ा आदि जगहों के स्वयं सहायता समूहों द्वारा पहाड़ी उत्पादों द्वारा तैयार वस्तुओं को भेजा जा रहा है, जिससे स्थानीय काश्तकारों को भी बढ़ावा मिल रहा है।

विक्रय केंद्र का संचालन देख रहे पुनीत सिंह भाकुनी ने बताया कि केंद्र में राजमा, गहथ (कुलथ), उड़द, तोर, लोबिया, काले भट, नौरंगी (रयांस), सफेद छेमी आदि औषधीय गुणों से भरपूर दालें उपलब्ध हैं। खास बात यह है कि इनके फायदे भी लोगों को समझाये जा रहे हैं। यह उत्तराखंडी दालें जैविक होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद लाभदायी हैं। कई संस्थाओं और संगठनों के माध्यम से इन्हें विक्रय केंद्र के जरिए बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे यहां के उत्पादों को बढ़ावा मिल सके।

मशरूम की चटनी और सभी प्रकार के तेल हैं उपलब्ध

विक्रय केंद्र में सरसौं, तिल, बादाम, नारियल, अरंडी समेत कई वैरायटी के तेल उपलब्ध हैं। जो स्थानीय समूहों द्वारा उच्च गुणवत्ता द्वारा तैयार किए गए हैं। इसी के साथ लहसुन, हरी व लाल मिर्च, भांग, जीरा आदि का नमक बिक रहा है। इसके साथ ही मशरूम की चटनी, मशरूम का अचार भी बिक रहा है। इसके अलावा प्लम, कीवी की चटनी, बुरांश, लीची और माल्टा का जूस भी बिक रहा है।


पीएमएफएमई योजना के तहत पहाड़ी काश्तकारों को एक बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह विक्रय केंद्र खोला गया है। जिसमें कुमाऊं, गढ़वाल के इलाकों के उत्पादों को यहां बेचा जा रहा है। यहां पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। ऐसे में यहां के उत्पादों को स्थानीय स्तर के साथ ही बाहरी राज्यों में भी बेहतर पहचान मिल सकेगी।

डॉ. नरेंद्र कुमार, उद्यान अधिकारी नैनीताल

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