नैनीताल: अयारपाटा क्षेत्र में दर्जनों हरे-भरे पेड़ काटने पर एनजीटी गंभीर, निरीक्षण में मिलीं कई संदिग्ध चीजें, विभागीय गतिविधि की ओर कर रही इशारा!

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नैनीताल। नगर के अयारपाटा में हरे पेड़ काटने की शिकायत पर शुक्रवार को एनजीटी की टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने हरे पेड़ काटे जाने की स्थिति की जांच की। इस दौरान कई चीजें संदिग्ध रूप से पाई गईं और ग्रीन बेल्ट में हरे पेड़ काटे जाने के पुख्ता सबूत भी मिले। जिसे एनजीटी की टीम ने अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है। अब रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी।

मालूम हो कि अप्रैल माह में मल्लीताल स्थित अयारपाटा के अरोमा होटल क्षेत्र और धामपुर बैंड में पेड़ कटान की शिकायत का नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सीधे संज्ञान लिया है। तीन सदस्यीय समिति बनाकर मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गुरुवार को एक औपचारिक बैठक के बाद शुक्रवार को वन संरक्षक मान सिंह, अपर आयुक्त नगन्याल ने क्षेत्र का दौरा कर हकीकत जानी। इस दौरान शिकायतकर्ता विवेक वर्मा, सभासद मनोज साह जगाती व अन्य साथी पर्यावरणविद भी यहाँ मौजूद रहे। समिति ने अयार पाटा में अरोमा होटल के समीप, धामपुर बेंड में अरविंदो आश्रम के समीप, टिफ्फन टॉप और किलवरी का निरीक्षण किया। समिति को ग्रीन बेल्ट भूमि पर पेड़ कटान, बिजली और पानी मीटर के कनेक्शन आदि चीजें मिलीं। साथ ही कई हरे पेड़ कटे होने के पुख्ता सबूत मिले।

वहीं, पेड़ पर लगा बिजली का मीटर भी मिला। माना जा रहा है यह पेड़ काटने के लिए लगाई गई इलेक्ट्रिक आरा मशीन चलाने के लिए उपयोग में लाया गया है। वन संरक्षक ने बताया कि पेड़ों के कटान के लिए बनी समिति ने सर्वे करना शुरू कर दिया है, सभी ग्रीन बेल्ट क्षेत्रों की गहनता से जांच की जाएगी और फिर रिपोर्ट संबंधित विभाग को सौंपी जाएगी। कहा कि पानी और बिजली का मीटर लगाने के लिए वन विभाग ही नहीं बल्कि पेयजल और बिजली विभाग खुद भी जिम्मेदार हैं। इस मसले पर संबंधित विभागों से जानकारी ली जाएगी। इस दौरान ईओ अशोक कुमार, तहसीलदार नवाजिश खलीक आदि मौजूद रहे।

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