19 वीं सदी में यात्रियो को ले जाने वाला भाप का इंजन एक बार फिर पहुँचा काठगोदाम स्टेशन ।

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दूर दूर से लोगों को कुमाऊं के प्रवेश द्वार काठगोदाम तक पहुंचाने वाली कुमाऊं टाइगर के नाम से मशहूर भाप के इंजन को अब आप एक बार फिर काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर देख सकेंगे, रेलवे विभाग की ओर से की गई इस पहल से 19 वीं सदी में चलने वाले भाप के इंजन को आप रेलवे परिसर में दिखाई देगा, एक वक्त पर कुमाऊं टाइगर के नाम से मशहूर यह भाप का इंजन दूर दूर से लोगों को काठगोदाम तक लाने का महत्वपूर्ण जरिया था, स्टेशन अधीक्षक चयन रॉय ने बताया कि कुमाऊं के प्रवेश द्वार तक लोगों को लाने वाले इस भाप के इंजन को उस समय की शान कहा जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि काठगोदाम की चढ़ाई में भी यह बोगियों को आसानी से ,खींचकर लाया करता था,

वहीं अब इसे देखकर लोग गर्व की अनुभूति कर सके , लोग इसके पास आकर इसे देख सकें और बदलते दौर मैं डीजल और इलेक्ट्रिक इंजन की भीड़ में लोग इसे भी पहचान सकें, इसी को लेकर इसे यहाँ लगाया गया है । इससे पहले यह पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के लिए लगाया गया था जो अब कुमाऊं के प्रवेश द्वार काठगोदाम के रेलवे स्टेशन की शान बन गया है ।

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