नैनीताल में चार सालों में पूरा होगा बलियानाला ट्रीटमेंट का कार्य

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बलियानाला के ट्रीटमेंट के लिए अब दो खंडों में तैयार हुई दो नई डीपीआर

नैनीताल। बलियानाला पर हो रहे भूस्खलन के ट्रीटमेंट कार्यों को लेकर अब दो डीपीआर तैयार की गई है। जिसमें एक डीपीआर में विस्थापन, दूसरे में ट्रीटमेंट कार्यों और जल संस्थान द्वारा पानी अपलिफ्ट करने की कार्ययोजना है।

मालूम हो कि बीते वर्ष शासन स्तर पर गठित हाई पावर कमेटी ने पहाड़ी की रोकथाम को डीपीआर बनाने और ट्रीटमेंट करने की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को दी थी। जिस पर विभाग ने करीब 300 करोड़ की डीपीआर तैयार की है। इससे पूर्व उत्तराखंड शासन के हाई पावर कमेटी सदस्यों ने ट्रीटमेंट कार्यों को लेकर तैयार की गई डीपीआर में संशोधन के निर्देश दिए थे। जिसमें पुणे की कंपनी जेंट्स ट्रू की ओर से बनाई गई डीपीआर में व्यवहारिक दृष्टिकोण के साथ कार्य योजना बनाने को कहा गया था।

जानकारी देते हुए सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एके वर्मा ने बताया कि अब पहली डीपीआर में बलियानाला क्षेत्र की आबादी का विस्थापन किया जाना है, जिसमें करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। वहीं दूसरी डीपीआर 200 करोड़ की है। जिसमें बलियानाले का ट्रीटमेंट होना है। साथ ही जल संस्थान की ओर से बोरिंग कर यहां के भूमिगत पानी को अपलिफ्ट कर टैंक में एकत्र कर तल्लीताल क्षेत्र की आबादी को पानी दिया जाएगा। बताया कि शासन स्तर में हुई बैठक में डीपीआर का अध्ययन कर उसमें कुछ कार्यों में बदलाव किया गया है। बताया कि बरसात के बाद बजट मिलते ही ट्रीटमेंट का काम शुरू कर दिया जाएगा। अलग-अलग चरणों में चार सालों में ट्रीटकार्य पूरा कर दिया जाएगा। नगर पालिका और जिला प्रशासन पहले चरण में खतरे की जद में रह रहे लोगों को विस्थापित कराएगी।

पुरानी डीपीआर में यह हुआ बदलाव

पुरानी डीपीआर में ट्रीटमेंट एरिया में भारी कंक्रीट के कार्य पर रोक लगाई है। साथ ही नैनी झील में गेट के साइज बड़े करने को लेकर भी मनाही की गई है। साथ ही नैनी झील के मुहाने से निकलने वाले नालों का पहले पूर्ण मरम्मत का कार्य होना था, नये नाले बनाये जाने की भी बात रखी गई थी, लेकिन अब सुरक्षा की दृष्टि से केवल पुराने नालों का ही ट्रीटमेंट होगा।

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