कुविवि : भाषाओं और संस्कृति के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए स्थापित होगा “भारतीय भाषा विकास क्लब”

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय (कुविवि)में जल्द ही भारतीय भाषा विकास क्लब की स्थापना होगी, जो विभिन्न भारतीय भाषाओं और भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए कार्य करेगा। क्लब के माध्यम से विभिन्न भारतीय भाषाओं के ऑनलाइन या ऑफलाइन शिक्षण पर भी कार्य किया जायेगा। इसके लिए हाल ही में कुमाऊं विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा, संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। जिसका प्रभारी डीएसबी परिसर की हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. चंद्रकला रावत को बनाया गया है।

कुलपति प्रो. एनके जोशी के निर्देशों पर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए दस समितियों का गठन किया गया है। जिसमें भारतीय भाषाओं के बीच ज्ञान साझा करने के लिए और विभिन्न भाषाओं में संरक्षित पारंपरिक ज्ञान को हिंदी व अंग्रेजी भाषा में इंटरनेट पर उपलब्ध कराने के लिए कुविवि में ”भारतीय भाषा, संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ” बनाया गया है। जिससे विद्यार्थियों में राष्ट्रवाद की भावना विकसित करने में मदद मिले।

कला एवं संस्कृति का संवर्द्धन करने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से यह एक प्रयास है। भारतीय संविधान से स्वीकृत 22 भारतीय भाषाओं के विकास के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिए गए निर्देश के अनुपालन करने के लिए विवि की ओर से ऐसा मंच तैयार करने की योजना है, जहां छात्र इन भाषाओं को सीख सकेंगे। इससे विद्यार्थियों में एक सकारात्मक सोच के साथ ही संस्कृति, भाषा एवं परंपरा के प्रति रुझान बढ़ेगा।
कुलपति प्रो. एनके जोशी, कुविवि

भारतीय भाषा, संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ के माध्यम से क्षेत्रीय संस्कृति एवं कला की पहचान कर उनके कार्यक्रम आयोजित करना, भारतीय भाषा विकास क्लब की स्थापना करना, विभिन्न भारतीय भाषा जानने वाले शिक्षकों एवं छात्रों को जोड़ना आदि बिंदुओं पर कार्य किया जायेगा। इस संदर्भ में जल्द ही मसौदा तैयार करके कुलपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रो. चन्द्रकला रावत, भारतीय भाषा प्रकोष्ठ की प्रभारी

Ad