कुमाऊं के तेजपत्तों की होगी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग, मिलेगा माकूल बाजार…

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उत्तराखंड में बहुतायत में पाए जाने वाले तेज पत्ते की अब अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग होगी। नैनीताल से लेकर पिथौरागढ़ तक के कई क्षेत्रों में इसके पेड़ देखने को मिल जाएंगे। कुमाऊं के अधिकांश जंगलों में तेज पत्ते की बेतहाशा खेती होती है लेकिन इन्हें माकूल बाजार नहीं मिलने की वजह से इसके पत्ते जंगलों में ही खराब हो जाते हैं। वन विभाग अब इन तेज पत्तों की ब्रांडिंग करने की तैयारी में है जिससे इन्हें देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भेजा जाएगा।


दरअसल, वन विभाग ऐसी वन औषधियों की ब्रांडिंग करने की तैयारी कर रहा है, जो आसपास के क्षेत्रों में अधिक मात्रा में होते हैं। इनसे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय काश्तकारों को बाजार भी उपलब्ध होगा। जिले में यह ज्योलीकोट, गेठिया, भवाली, भीमताल, ओखलकांडा क्षेत्र में अधिक मात्रा में होता है। जिसकी वन पंचायत के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग की जाएगी।


इसमें ऑयल कंटेंट है ज्यादा
मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रो के अनुसार, पहाड़ के तेज पत्ते में ऑयल कंटेंट काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। वन पंचायत क्षेत्रों में ज्यादा होने की वजह से इनकी ब्रांडिंग की जानी है। इसके लिए वर्तमान में तेज पत्ते के पेड़ों के अधिक तादाद वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया जा रहा है। इसके बाद उस क्षेत्र के लोगों को पत्ते इकट्ठे करना और उसकी पैकेजिंग को लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद इन्हें बाहर बेचा जाएगा, जिससे तेज पत्ते का सही इस्तेमाल भी हो सके और साथ ही यहां के काश्तकारों को भी आर्थिकी में भी बढ़ोतरी होगी।


बढ़ाता है जायका
पहाड़ में पाये जाने वाला तेज पत्ता मीठा और खुशबूदार होता है। कुमाऊं विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. ललित तिवारी बताते हैं कि तेज पत्ते का वानस्पतिक नाम सिनेमोमम टेमेला है। इसकी पत्ती व छाल दोनों का उपयोग किया जाता है। पत्तियों की सबसे अधिक खपत मसाला उद्योग में होती है। पत्तियों का सीधे मसाले के रूप में प्रयोग होता हैं और पत्तियों से मिलाने वाले सुगंधित तेल का सौन्दर्य प्रसाधन में इस्तेमाल होता है। इसे सूप और कई तरह की सब्जियों में जायका देने के लिए प्रयोग किया जाता है।


कई फायदे हैं इसके
तेज पत्ते में कई तरह के औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। यह हाई ब्लड शुगर को कम करने में कारगर है। इसके अलावा यह शरीर के इम्यून सिस्टम को भी बढ़ाता है। यह गठिया, पेट दर्द और साथ ही गैस्ट्रिक समस्याओं को दूर करने में भी फायदेमंद है।

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