बर्तन व्यापारियों पर पर भी कसेगा जीएसटी का शिकंजा, माल की खरीद-बिक्री पर राज्य कर विभाग की नजर…

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हल्द्वानी। राज्य कर विभाग ने त्योहारी सीजन में जीएसटी पर शिकंजा कसने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। बर्तन कारोबारी जीएसटी के राडार पर है। इनकी माल की आवक-जावक की जांच की जाएगी। राज्य कर विभाग के अनुसार, बर्तनों पर 12 प्रतिशत जीएसटी की दर लागू है। धनतेरस पर बर्तन बाजारों के अलावा मोहल्लों में भी अस्थायी बर्तनों की दुकानें सजती हैं। एक ही दिन में बर्तन कारोबारी लाखों की बिक्री करते हैं।

चूंकि दुकानों पर भारी संख्या में ग्राहक खरीदारी के लिए पहुंचते हैं। यह बिक्री एक चम्मच से लेकर दर्जनों बर्तनों तक की होती है। ऐसे में न तो दुकानदार ग्राहकों को बिल देते हैं और न ही ग्राहक दुकानदार से पक्का बिल मांगते हैं जबकि नियमानुसार 200 रुपये से अधिक की खरीद पर ग्राहक के मांगने पर पक्का बिल देना चाहिए।

ऐसे में बर्तनों की दुकानों पर जीएसटी चोरी की पूरी आशंका बनी रहती है। इसी के मद्देनजर राज्य कर विभाग ने बर्तन कारोबारियों को राडार पर ले लिया है। राज्य कर विभाग ने विशेष टीमों का गठन किया है जो बर्तन कारोबारियों का त्योहार से पूर्व और बाद में स्टॉक का आकलन, बिक्री का आकलन और रिटर्न तीनों का विजिलेंस करेंगी। यदि रिटर्न में हेर फेर की जाती है तो संबंधित कारोबारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा टीमें मोहल्लों-कॉलोनियों में खुलने वाली बर्तनों की दुकानों की भी जांच करेंगी।

राज्य कर विभाग के अनुसार, राजस्थान के जयपुर, राजधानी दिल्ली, महाराष्ट्र का मुंबई बर्तनों की बड़ी मंडियां हैं। यहां से बर्तन उत्तराखंड में आपूर्ति किए जाते हैं हालांकि अल्मोड़ा, ऊधम सिंह नगर, बागेश्वर में भी कुछ कारोबारी है जो परंपरागत के अतिरिक्त स्टील के बर्तन बनाने का काम करते हैं।
जीएसटी चोरी रोकने को बर्तन कारोबारियों से वार्ता की जाएगी। स्टॉक असिस्मेंट, सेल वेरिफिकशन और रिटर्न आदि की जांच की जाएगी। राज्य कर विभाग का मकसद व्यापारियों को परेशानी भी नहीं हो और राजस्व में भी कमी नहीं हो।
= गौरव पंत, सहायक आयुक्त, राज्य कर विभाग

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