जबलपुर के चित्रकार ने छोटे से कैनवास में दिखाये लता दीदी के 4359 चेहरे, रिकॉर्ड बनाने की तैयारी

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दीपक सिंह नेगी, नई दिल्ली। सुर कोकिला लता मंगेशकर कई लोगों के लिए सरस्वती समान हैं। उनके चाहने वालों की फेहरिस्त लंबी है। इन्हीं लोगों में से एक नाम है चित्रकार रामकृपाल नामदेव का, जिन्होंने कई चित्रों के माध्यम से दीदी के जीवन को कैनवास पर उतारा है। उन्होंने 30 गुणा 24 इंच के फ्रेम पर आठ माह में लता दीदी का एक चित्र तैयार किया है। इस चित्र की खासियत यह है कि इसमें लता मंगेश्वर के 4359 चेहरे बनाए गए हैं। हाल ही में ललित कला अकादमी दिल्ली में उनके चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई, जहां लता दीदी के इस कैनवास को हर किसी ने सराहा।

बीते 40 वर्षों से चित्रकारी कर रहे जबलपुर के रामकृपाल कहते हैं कि लता मंगेशकर हमेशा से उनकी प्रेरणा रही हैं। लता के सदाबहार नगमों को सुनते हुए चित्रकारी करने में वह खुद को ज्यादा ऊर्जावान पाते हैं।

अब तक वह दीदी के 50 अधिक चित्र बना चुके हैं। इनमें से तीन चित्र ऐसे हैं जिनमें क्रमशः 930, 1436 और 4359 चेहरे हैं। 930 चेहरों वालीं पेंटिंग को लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में स्थान मिला है। इसमें लता जी के 299 चेहरे हैं, जबकि 630 चेहरे विश्व की प्रसिद्ध महिलाओं के हैं। 1436 चेहरों वाली लता जी की एक अन्य पेंटिंग को एशिया बुक और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान दिया गया है। उन्हें उम्मीद है कि 4359 चेहरों वाली पेंटिंग भी जल्द रिकॉर्ड बुक में दर्ज होगी।


कला शैली को दिया चित्र लतिका नाम

रामकृपाल बताते हैं कि वह ज्यादातर चित्र लता जी के बनाते हैं। चित्रों की प्रदर्शनी लगाने की बात आई तो उन्होंने इस शृंखला और कला शैली को एक नाम देना चाहा। तब उनके बेटे ने उन्हें चित्र लतिका नाम सुझाया। लता जी का बचपन का नाम लतिका था तो उन्हे यह नाम उपयुक्त लगा। अब तक वह चित्र लतिका शृंखला की 12 प्रदर्शनियां लगा चुके हैं।


कई चक्कर लगाए तब मिला दीदी से मिलने का मौका

लता दीदी से मिलने के लिए रामकृपाल ने कई बार उनके घर के चक्कर लगाए। सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें दीदी का ऑटोग्राफ किया फोटो दिया लेकिन वह संतुष्ट नहीं हुए। 2014 में उन्हें दीदी से मिलने का मौका मिला। दीदी को उनके चित्र काफी पसंद आए। उन्होंने एक पेंटिंग पर अपना ऑटोग्राफ भी दिया।

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