सिलक्यारा से मंगलवार सुबह एक और अच्छी खबर आई। पिछले 10 दिन से टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों तक तड़के पाइप के जरिए एंडोस्कोपिक फलेक्सी कैमरा पहुंचाने में कामयाबी मिल गई। इस कैमरे से मजदूरों के फोटोग्राफ्स और वीडियो रेस्क्यू टीमों को प्राप्त हुए, जिसमें सभी मजदूर सुरक्षित होने के साथ ही उनका मनोबल भी काफी मजबूत नजर आ रहा है।
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इससे पहले सोमवार शाम 53 मीटर लंबी 6 इंच की पाइप लाइन मजदूरों के तक पहुंचाने में भी सफलता मिल गई थी, जिसके जरिए उन्हें 9वीं शाम खिचड़ी, पानी, फल समेत खाद्य सामग्री पहुंचाया गया। अब उन्हें हर 30 मिनट पर खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है। इससे पहले 4 इंच की पाइप लाइन के जरिए उन तक सिर्फ ड्राईफ्रूट्स ही पहुंच पा रहा था।
को फोन कर उत्तरकाशी के सिलक्यारा में संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने पाइप के जरिए मजदूरों तक खाना पहुंचाने में मिली सफलता के साथ ही एंडोस्कोपिक फ़्लेक्सी कैमरे की मदद से मजदूरों से हुई बातचीत व उनकी कुशलता की जानकारी भी प्रधानमंत्री को कहा कि सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालना हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।
मंगलवार शाम शहरी विकास मंत्री व उत्तरकाशी जिले के प्रभारी प्रेमचंद अग्रवाल भी सिलक्यारा पहुंचे। उन्होंने टनल का दौरा किया और अधिकारियों से अब तक हुई प्रगति की जानकारी ली। घटना के बाद से जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद का यह पहला उत्तरकाशी दौरा है।
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Tv channel संवेदनशीलता का रखें ध्यान
इस बीच, सिलक्यारा टनल में चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की कवरेज के संबंध में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी प्राइवेट सेटेलाइट चैनल्स (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) के लिए एडवाइजरी जारी की है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निदेशक वरूंदा मनोहर देसाई की ओर से जारी इस एडवायजरी में कहा गया है कि सुरंग और उसके आसपास चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद संवेदनशील प्रकृति का है। ऐसे में बचाव अभियान स्थल के करीब टीवी चैनलों के कैमरो और ऑपरेशन से संबंधित वीडियो फुटेज व तस्वीरों के प्रसारण से ऑपरेशन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।