नैनीताल: उम्र से दोगुने युवक के साथ प्रेम संबंधों पर भाई ने अपनी सगी बहन को मौत के घाट उतारा…

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नैनीताल जिले के खनस्यूं थाना क्षेत्र में हुई किशोरी की हत्या का आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने खुलासा कर दिया है। अपनी उम्र से दोगुने युवक के साथ प्रेम संबंधों की भनक लगने पर भाई ने अपनी सगी बहन को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने हत्या की घटना में शामिल सह- अभियुक्त को भी गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार वादी शेर सिंह, पुत्र- धर्म सिंह निवासी ग्राम कोटली थाना खनस्यू जिला नैनीताल ने थाना खनस्यूं में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 26 सितंबर को गुमशुदा गीता पुत्री शेर सिंह का शव मिलने पर धारा 302, 201 भादवि में रिपोर्ट दर्ज हो गई। पुलिस के मुताबिक नौ सितंबर को वादी शेर सिंह, पुत्र धरम सिंह, निवासी ग्राम कोटली थाना खनस्यू नैनीताल द्वारा थाना खनस्यू में लिखित तहरीर दी गई कि 17 सितंबर को उसकी पुत्री गीता, उम्र 17 वर्ष घर से पास के ही जंगल में मिट्टी लेने गई जिसके बाद वह घर वापस नही पहुंची। प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना खनस्यू में धारा- 365 आईपीसी बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया। जिसकी विवेचना उप निरीक्षक विजयपाल द्वारा सम्पादित की गयी।

विवेचना के दौरान 26 सितंबर को सूचना प्राप्त हुई कि ग्रामवासियों को गुमशुदा गीता की तलाश के दौरान गीता का शव ग्राम कोटली में बांज के पेड़ों के नीचे मिला है।

इस सूचना पर एसएसपी नैनीताल सहित थानाध्यक्ष खनस्यूं व फॉरेंसिक टीम मय फोर्स के घटनास्थल-ग्राम कोटली में बांज के जंगल में पहुंचे तथा एसएसपी नैनीताल के दिशा-निर्देशन में फॉरेंसिक टीम व पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया गया व आवश्यक कार्यवाही की गई।
घटना के अनावरण हेतु प्रहलाद नारायण मीणा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल द्वारा एसपी क्राइम/यातायात नैनीताल डॉ. जगदीश चंद्र के दिशा निर्देशन व नितिन लोहनी क्षेत्राधिकारी भवाली के कुशल पर्यवेक्षण में तीन अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गई। पंचायतनामा की कार्यवाही के उपरांत पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल के आस-पास सर्च अभियान चलाया गया। दौराने विवेचना गुमशुदा का शव संदिग्ध अवस्था में बरामद होने व वादी के बयानों के आधार पर विवेचक द्वारा धारा 365 आईपीसी को धारा 302/201 आई.पी.सी. में बदलाव किया गया। अभियोग 302/201 आई.पी.सी. में तरमीम होने के उपरांत उक्त अभियोग की विवेचना थानाध्यक्ष खनस्यूं भुवन सिंह राणा द्वारा संपादित की जा रही है।


विवेचना के दौरान ज्ञात हुआ कि गुमशुदा गीता का उसी गांव के रहने वाले 35 वर्षीय युवक त्रिलोक सिंह, पुत्र चंदन सिंह निवासी कोटली, खनस्यूं का मृतका गीता के साथ सम्बन्ध थे, जिन्हे त्रिलोक की पत्नी ने मृतका गीता व अपने पति त्रिलोक को एक साथ में बैठे हुए देख लिया था, जिसके उपरान्त त्रिलोक की पत्नी, मृतका गीता व गीता की माँ के मध्य बहस हुई। इस घटना से गीता का छोटा भाई काफी आवेशित हुआ और जब गीता घर नही आयी तो उसे ढूंढने के दौराने पहाड़ों की पगडंडी के किनारे अपनी बहन गीता के मिलने पर उसके भाई ने गीता के डुपट्टे से ही गला घोटकर उसकी हत्या कर दी गयी और शव को वही झाड़ियों में छुपा दिया और अगले दिन त्रिलोक सिंह उपरोक्त के ऊपर दबाव बनाया कि यदि मृतका गीता का शव घटनास्थल से कही और छुपाने में उसने साथ नही दिया तो वह उसे अर्थात त्रिलोक को भी गीता की हत्या की साजिश में फंसा देगा। इसके बाद दोनो ने मिलकर मृतका गीता के शव को घटनास्थल के पास ही बांज के पेड़ों के पास छुपा दिया।

उक्त अभियोग में गीता की हत्या करने में विधि विरुद्ध बालक (मृतका का भाई) उम्र 16 वर्ष एवम मृतका गीता के शव को छिपाने में सहायता करने में सह अभियुक्त त्रिलोक सिंह कोटलिया पुत्र चंदन सिंह उम्र 35 वर्ष को पुलिस हिरासत में लिया गया। मामले में सम्मिलित मृतका का भाई विधि विरुद्ध बालक को जे.जे. एक्ट के प्रविधानो के अनुसार उसके पिता/संरक्षक शेर सिंह को नियमानुसार रखा गया। जिन्हें सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया जा रहा है।