आजादी के साथ मिले लोकतंत्र और लोकतांत्रिक अधिकार: दीपंकर भट्टाचार्य

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नैनीताल। भाकपा माले की उत्तराखंड राज्य कमेटी की ओर से सोमवार को “वर्तमान समय में लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां” विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन तल्लीताल स्थित एक होटल में किया गया। इस मौके पर भाकपा (माले) के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने मुख्य वक्ता के रूप में सरकार की नीतियों पर हमला बोला।

कामरेड दीपंकर ने कहा कि “देश को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक अधिकार आजादी के साथ मिले। लोकतंत्र की कमजोरी ने फ़ासीवाद को मौका दिया। आज देश को मजबूती लोकतंत्र और उसे बचाने और जीवंत बनाने के लिए व्यापक एकता वाले आंदोलन की जरूरत है। 

 अग्निपथ योजना के जरिये फौज के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को खत्म करने का गहरा षड्यंत्र रचा जा रहा है। सेना के ढांचे को इस तरह पुनर्गठित किया जा रहा है, जिससे एक संस्था के तौर पर उसे गहरी चोट पहुंचेगी। कुल मिलाकर कानून के राज के सारे कलपुर्जों को नष्ट किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड में विकास के नाम पर आपदाएं थोप दी गयी हैं, जैसे आपदा में बचाव, विस्थापन और पुनर्निर्माण करना होता है, उसी तरह की जरूरत आज देश के लोकतंत्र को है। कार्यक्रम का संचालन भाकपा माले नगर सचिव एडवोकेट कैलाश जोशी ने किया।

इस अवसर पर माले पोलित ब्यूरो सदस्य डॉ. संजय शर्मा, राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, प्रो. एम सी जोशी, प्रो. एचसीएस बिष्ट, वरिष्ठ रंगकर्मी जहूर आलम, हाई कोर्ट अधिवक्ता सैयद नदीम मून, अरुण रौतेला, एडवोकेट दुर्गा सिंह मेहता, बीएस मेहता, वरिष्ठ कम्युनिस्ट किसान नेता बहादुर सिंह जंगी, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती, जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय कार्यकरिणी सदस्य मदन मोहन चमोली, पंकज भट्ट, एडवोकेट राजेन्द्र असवाल, एडवोकेट सुभाष जोशी, एडवोकेट पंकज जोशी, डॉ. कैलाश पांडेय, आइसा जिला अध्यक्ष धीरज कुमार, माले के उधम सिंह नगर सचिव ललित मटियाली, गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंकित उचोली, प्रकाश पनेरु, अतुल सती, प्रकाश साथी, जय शाह, अजय आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।

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