पर्यावरण संरक्षण के लिए 20 सालों से काम कर रही लक्ष्मी, 50,000 से अधिक पौधे रोपे…

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नैनीताल। सोशल मीडिया और समाचारपत्रों में आए दिन पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के के द्वारा किए गए कार्य की जानकारी हमें मिलते रहती है। जिन्हें देखकर हमें गर्व महसूस होता है और उनके प्रति आदर और सम्मान बढ जाता है। लेकिन आज हम जिनकी बात कर रहे हैं वो सोशल मीडिया और समाचारपत्रों में नहीं बल्कि जमीनी रूप से जुड़कर पर्यावरण संरक्षण तथा स्वरोजगार के लिए काम करने में ज्यादा समय बिताती हैं। जी साथियों आज हम बात करेंगे पर्यावरण प्रेमी लक्ष्मी रावत की।

चमोली जिले के कर्णप्रयाग ब्लाक की रहने वाली लक्ष्मी रावत पिछले 20 सालों से पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही हैं, सोशल मीडिया और अखबारों में भले ही इनके द्वारा किए गए कामों की सराहना नजर न आती हो ,लेकिन इनके द्वारा किए गए कामों की समीक्षा की जाए तो आप हैरान रह जाएंगे।
आपको बता दें कि लक्ष्मी रावत वर्ष 2003 से पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार, स्वच्छता, कृषि तथा बागवानी के क्षेत्र में लगातार कार्यरत हैं। उन्होंने कोरोना के दौरान जड़ी बूटियों से सैनिटाईजर बनाकर गरीब महिलाओं को निशुल्क वितरण किया तथा क्षेत्र में नशा मुक्ति अभियान चलाकर लोगों को नशे से दूर रहने की सलाह दी।

160 से ज्यादा गावों में चलाई मुहीम

लक्ष्मी रावत ने अभी तक कर्णप्रयाग, जोशीमठ, दशोली, गैरसैंण, रुद्रप्रयाग, टिहरी, चंबा, उत्तरकाशी, भटवाड़ी, पौड़ी, दुगड्डा, पावो, काशीपुर और नैनीताल के लगभग 160 से ज्यादा गावों में पर्यावरण संरक्षण के लिए काम किया है।
लक्ष्मी रावत अभी तक महिला समूहों, वन विभाग व उद्यान विभाग के सहयोग से 50,000 से अधिक पौधारोपण कर चुकी हैं।

700 महिलाओं को स्वरोजगार के लिए किया प्रेरित

25 ग्रामसभाओं में स्वच्छता अभियान चलाकर स्वच्छ भारत अभियान का संदेश दे चुकी हैं।
पर्यावरण संरक्षण के लिए अभी तक लगभग 200 से अधिक जन जागरूकता कार्यक्रम चला चुकी हैं। प्रदेश भर की लगभग 700 महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर चुकी हैं।

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