अर्जुन का लक्ष्य पर निशाना तो सुना ही होगा, लेकिन इस बार लक्ष्य ने अर्जुन पर निशाना लगा दिया है। अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य सेन को साल 2022 के अर्जुन अवार्ड के लिए चुना गया है। सोमवार शाम जारी सूची में नाम आने पर उन्होंने खेल मंत्रालय का आभार जताया। उन्होंने बैडमिंटन एसोसिएशन, परिवार के सदस्यों, प्रशिक्षकों सहित तमाम प्रशंसकों को हमेशा उनका हौसला बढ़ाने के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि यह अवार्ड 14 नवंबर को घोषित हुए हैं, इसी दिन 2013 में उनके दादा सीएल सेन दुनिया छोड़कर चले गए थे।
‘ऊंचे ख्वाबों के लिए दिल की गहराई से काम करना पड़ता है, यूं ही नहीं मिलती कामयाबी किसी को, मेहनत की आग में दिन-रात जलना पड़ता है…।’ लक्ष्य की भी कहनी कुछ ऐसी ही है। पिता व कोच डीके सेन तीन साल की उम्र में लक्ष्य को एकेडमी ले जाना शुरू किया। वहां एक बार जो लक्ष्य ने रैकेट पकड़ा, इसके बाद बचपन के खेलकूद सब भूल गया।
बचपन में रिमोट कार के शौकीन रहे लक्ष्य को जब प्रशिक्षण में ज्यादा पसीना बहाना पड़ा तो उन्होंने रिमोट कार का मोह छोड़ दिया। उनके पिता भी कहते हैं कि कामयाबी के जी-तोड़ मेहनत करते हुए लक्ष्य अपना बचपन सही से नहीं जी पाए।
लक्ष्य पहली बार सन 2016 में सुर्खियों में आए। इसके अगले ही साल वह बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड जूनियर रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंच गए। 2018 में वह एशियाई जूनियर चैंपियनशिप के विजेता बने। अपने प्रदर्शन से इस खिलाड़ी ने समय-समय पर बताया है कि वह एक दिन भारत की ओर से अगले विश्व के नंबर एक खिलाड़ी हो सकते हैं। बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स विजेता अल्मोड़ा निवासी लक्ष्य सेन कुछ समय पहले ही बीडब्ल्यूएफ की वरीयता सूची में अपने करिअर के सर्वश्रेष्ठ छठे पायदान पर पहुंच गए थे।