स्पेशल पोक्सो जज मीना देउपा की अदालत ने किशोरी के अपहरण व दुष्कर्म के दोषी को 12 साल की सजा सुनाई है। दोषी पर कुल 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस जुर्माने में से उसे 15 हजार रुपये पीड़िता को देने होंगे।दोषी को न्यायालय परिसर से हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
सरकारी अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने बताया कि एक व्यक्ति ने 25 जनवरी 2020 को शहर कोतवाली में तहरीर दी थी। आरोप था कि रजत निवासी ओगल भट्टा उनकी नाबालिग बेटी को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश की तो पता चला कि वह किशोरी को मुंबई ले गया है। वहां उसने अपने रिश्तेदार के यहां पर लड़की को रखा हुआ है। इस पर पुलिस भी उसका पीछा करते हुए 28 जनवरी को वहां पहुंच गई।
आरोपी रजत के कब्जे से किशोरी को मुक्त कराया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने न्यायालय में दो माह के भीतर रजत के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की। इस मुकदमे में अभियोजन की ओर से कुल छह गवाह पेश किए गए जबकि बचाव पक्ष ने भी दो गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया, लेकिन कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज करते हुए रजत को सजा सुना दी।
उसे आईपीसी 363 (नाबालिग का अपहरण) में तीन साल की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई जबकि आईपीसी 376 (दुष्कर्म) में 12 साल कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने का सजा मिली। दोषी की दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। कुल जुर्माने में से वह 15 हजार रुपये पीड़िता को देगा।
देहरादून :- किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 12 साल की कैद,25 हजार जुर्माना
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