चमोली के बृज ने नौकरी छोड़कर बनाया सेलर एप, छह साल में ही बना डाली 200 करोड़ की स्टार्टअप कंपनी।

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केंद्र सरकार देश के ई-कॉमर्स क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का एकाधिकार खत्म करने जा रही है। जिसका नेतृत्व उत्तराखंड का एक जोशीला युवा बृज पुरोहित कर रहे हैं। छह साल पहले शुरू किए गए अपने स्टार्टअप सेलर एप को बृज ने 200 करोड़ की कंपनी में तबदील कर डाला है। आज उनका सेलर एप देश के दस राज्यों में हजारों छोटे व्यापारियों को मुफ्त में ही घर बैठे देशभर में अपने सामान की ऑनलाइन मार्केटिंग व बिक्री की सुविधा दे रहा है। बृज के सेलर एप की इस सफलता को देखते हुए देश के बड़े बैंकों ने हाल ही में करीब 100 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है।


बृज बताते हैं कि नौकरी छोड़ने के बाद 2016 में उन्होंने स्टार्टअप के तौर पर अपने दोस्त दिलिप वमानन के साथ मिलकर सेलर एप की स्थापना की। दरअसल केंद्र सरकार ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉर्स (ओएनडीसी) प्लेटफार्म के जरिए देश के ई-कॉमर्स में नई शुरूआत चाहती है। जिससे कि देश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मोनोपॉली खत्म की जा सके। बृज के सेलर एप इस काम में सबसे बड़ा साझेदार बनकर उभरा है। यहां देश का कोई भी व्यापारी अपने सामान की बिना खर्चे के ऑनलाइन मार्केटिंग व बिक्री कर सकता है। जबकि मल्टीनेशनल कंपनियां छोटे व्यापारियों के सामान बेचने की एवज में व्यापारियों से मोटा कमिशन लेते हैं।

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साथ ही बिक्री और मुनाफे में उनकी जबरदस्त मोनोपॉली भी है। ऐसे में सेलर एप के इस कांसेप्ट को देश की कई राज्य सरकारों ने अपनाया है। बृज के अनुसार यदि उत्तराखंड सरकार भी इसमें रूचि ले तो मुनस्यारी से लेकर उत्तरकाशी तक के छोटे से छोटे दुकानदार भी अपना सामान बिना मार्केटिंग पर पैसा खर्च किए पूरे देश में पहुंचा सकते हैं। जिससे पलायान और रोजगार जैसी समस्या के एक छोटे समाधान के रूप में देखा जा सकता है।

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देहरादून के रहने वाले बृज चमेाली के निवासी
देहरादून के बंजारावाला में रहने वाले बृज पुरोहित मूल रूप से चमोली जिले के थराली के निवासी हैं। उनकी स्कूली शिक्षा देहरादून के एसजीआरआर से हुई है। घुडदौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद बृज ने कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम किया। बृज के पिता चिंतामणी पुरोहित उत्तराखंड पुलिस से कुछ समय पहले ही सेवानिवृत हुए हैं। उनकी मां गृहणी हैं। उनका ससुराल हल्द्वानी के निकट कालाढूंगी में है।

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क्या है ओएनडीसी
ओएनडीसी सरकारी ई-कॉर्म्स प्लेटफार्म है जिसे हाल ही में सरकार ने लांच किया गया है। जहां छोटे से छोटा व्यापारी अपना पंजीकरण करवाकर सामान बेच व खरीद सकता है। विशेषज्ञ ओएनडीसी को देश के ई-कॉमर्स क्षेत्र में क्रांति मान रहे हैं। यह कारण है कि अमेजॉन व फिल्पकार्ट जैसी कंपनियां भी इससे जुड़ने जा रही हैं। दरअसल ओएनडीसी बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगा और कंपनियों के एकाधिकार को खत्म करेगा। जिससे ग्राहक के साथ ही बेचने वाले को भी फायदा होगा। यहां तेल, साबूत से लेकर हवाई टिकट तक बुक कर पाएंगे। सेलर एप के जरिए व्यापारी इससे जुड़ सकते हैं।