नैनीताल। लगातार चार दिनों से हो रही बारिश के कारण नैनीताल के आलूखेत गांव में भूस्खलन होने से बालियानाला की तरह हालात पैदा हो रहे हैं। रविवार की सुबह आलूखेत में भूस्खलन आबादी क्षेत्र तक पहुंच गया। भूस्खलन होने से यहां निवास कर रहे लोगों में दहशत का माहौल है।
कई लोग रात भर सो नहीं पाये। उन्होंने भूस्खलन के कारण किसी तरह की अनहोनी की आशंका जताते हुए विधायक और जिला प्रशासन से विस्थापन की व्यवस्था करने की मांग की है।
मालूम हो कि नैनीताल में लगातार मूसलाधार बारिश होने के कारण रविवार सुबह बारिश के दौरान आलूखेत में भूस्खलन हो गया था। भूस्खलन होने से आसपास करीब 12 परिवारों के लिए खतरा बन गया है। घरों से लगभग 10 मीटर की दूरी पर ही भूस्खलन हुआ है।
यही नहीं, सोमवार को भी लगातार बारिश होने से ग्रामीण घरों से बाहर निकल गए। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक केवल वह बलियानाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को देखकर घबराते थे, लेकिन अब उनके ही गांव में बलियानाला जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से राहत की उम्मीद की है।
पिछले साल आपदा के दौरान भी हुआ था भूस्खलन, नहीं किए रोकथाम के उपाय
ग्राम प्रधान अमित कुमार का कहना है कि बीते वर्ष अक्टूबर में आपदा के दौरान भी पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ था। इसकी रोकथाम के लिए जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन से गुहार लगाई गई थी, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी पहाड़ी की रोकथाम के लिए प्रशासन की ओर से कोई कार्य नहीं किए गए। वहीं इस बार दोबारा भूस्खलन होने से एक दर्जन से अधिक घरों पर खतरा मंडरा रहा है। कहा कि भूस्खलन को लेकर क्षेत्रीय विधायक सरिता आर्या से वार्ता की गई है। उन्होंने खतरे की जद में आये लोगों के विस्थापन की पर्याप्त व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है।
नायब तहसीलदार और पटवारी की ओर से भूस्खलन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया है। फिलहाल खतरे की जद में आए 12 परिवारों को चिन्हित कर स्वयं सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील की गई है।
-राहुल शाह, एसडीएम