चारधाम की यात्रा करने के लिए हर भक्त बेताब रहता है। बद्री विशाल और बाबा केदार की ऐसी महिमा है कि यहां देश-विदेश से भक्त खींचे चले आते हैं। रामनगर के कुछ युवाओं ने भी उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा साइकिल से पूरी की है। जो काफी रोमांचक रही, उन्होंने इस यात्रा के माध्यम से पर्यावरण बचाने का संदेश भी दिया। आइए जानते हैं उनकी इस यात्रा के विषय में…
रामनगर के पांच जुनूनी युवाओं ने चारधाम का सफर साईकिल से पूरा किया है। 15 सौ किलोमीटर के इस सफर को रामनगर के युवाओं में 19 दिन में पूरा किया है। ये पांचों युवा विगत वर्षों में लेह लद्दाख समेत उत्तराखंड के अन्य दुर्गम क्षेत्रों में साइकिल से सफर तय कर चुके हैं।
चारधाम की यात्रा कर वापस लौटे रामनगर निवासी भारत भट्ट, बबिता बिष्ट, दीपक सती, लोकेश बिष्ट और संतोष बिष्ट (सोनू) ने अपनी चारधाम यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि पांचों ने रामनगर से बद्रीनाथ के लिए एक सितंबर को साईकिल से सफर शुरू किया था। पूरी यात्रा के लिए उन्होंने 1500 किलोमीटर का रोड मैप तैयार किया था। जिसमें उन्होंने पहले बद्रीनाथ उसके बाद केदारनाथ, फिर गंगोत्री और अंत में यमनोत्री की यात्रा की, इस दौरान पांचों लोगों ने पर्यावरण को बचाने का लोगों को संदेश दिया। साथ ही यात्रा में कई चुनौती मूसलाधार बारिश, भूस्खलन आदि का सामना करना पड़ा। बताया कि सभी लोग टेंट लगाकर ही रह रहे थे, जिसमें सभी ने उत्तराखंड सरकार के द्वारा चारधाम मे हो रहे कार्यो की भी प्रशंसा की। साथ ही उत्तराखण्ड के लोगों को केदारनाथ जाने की अपील की।