पर्वतारोहण, स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग, रॉफ्टिंग जैसे साहसिक खेलों के लिए पहचान रखने वाले उत्तराखंड में बहुत जल्द पर्यटक एंगलिंग का भी रोमांच ले पाएंगे। पर्यटन विभाग कोसी घाटी को एंगलिंग स्पोट्र्स टूरिच्म से जोडऩे की योजना बना रहा है। इसके लिए विभाग ने नदी से लगे क्षेत्र में कैफे, रेस्टोरेंट्स, म्यूजियम और अन्य कार्यों के लिए 1.96 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। शासन की स्वीकृति मिलने पर नैनीताल प्रदेश का पहला जिला होगा जहां पर्यटन गतिविधियों को एंगलिंग स्पोट्र्स से जोड़ा जाएगा।जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि एंगलिंग स्पोट्र्स के लिए कोसी नदी में कपिलेश्वर से क्वारब 10 किलोमीटर, सिरसा से सुयालबाड़ी तक दो किलोमीटर और बेतालघाट से गजार तक के क्षेत्र को एंगलिंग बीट के रूप में निर्धारित किया गया है। इसके लिए जिला कमेटी की स्वीकृति भी मिल गई है। शासन की स्वीकृति मिलते ही कैच एंड रिलीज कांसेप्ट पर आधारित एंगलिंग टूरिच्म की शुरुआत की जाएगी।जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि बीट अलाटमेंट के साथ ही पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नदी किनारे कई विकासात्मक कार्यों को प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। क्षेत्र स्थित दो पुराने सराय का हेरिटेज लुक में जीर्णोद्धार किया जाना है। जीर्णोद्धार करने के बाद एक सराय को म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर और स्मृतियों को संरक्षित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।अरविंद गौड़ ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश भर में पर्यटकों के लिए एंगलिंग स्पोट्र्स कहीं भी संचालित नहीं किया जा रहा है। कुछ वर्ष पूर्व पिथौरागढ़ पंचेश्वर में इसे स्पोट्र्स के रूप में शुरू किया गया था, मगर यह कुछ ही समय बाद बंद हो गया। इसके अलावा चमोली और बागेश्वर में एंगलिंग की तो जाती है, मगर यह टूरिच्म आधारित न होकर स्थानीय लोगों के लिए ही है। कोसी में पर्यटकों के लिए शुरू किया जा रहा है यह प्रदेश का पहला उपक्रम होगा।अरविंद गौड़ ने बताया कि प्रोजेक्ट का पूरा लाभ क्षेत्र के ग्रामीणों को ही मिलेगा। यह प्रोजेक्ट सामूहिक सहभागिता आधारित होगा। जिसके संचालन के लिए ग्राम पंचायत, युवा मंगल दल, महिला मंगल दल को शामिल करते हुए एक सोसाइटी का गठन किया जाएगा। यही सोसाइटी एंगलिंग बीट और कैफे आदि का संचालन करेगा। डीएम धीराज गब्र्याल ने बताया कि जिले में साहसिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने का प्रयास किया गया है। इससे जिले में पर्यटन को अलग पहचान मिलेगी। साथ ही क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा।
उत्तराखंड :- यहां आने वाले पर्यटक अब जल्द ही ले सकेंगे एंगलिंग का रोमांच, अलग पहचान के साथ रोजगार भी होगा उपलब्ध
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