युवाओं को सेना में क्लर्क और जीडी पद पर नौकरी के फर्जी नियुक्ति पत्र देकर करोड़ों रुपये ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के एक प्रमुख सदस्य को फिल्मी स्टाइल में एसटीएफ ने देहरादून से गिरफ्तार किया है। गिरोह के तीन और सदस्यों के नाम प्रकाश में आए हैं। एसटीएफ उनकी गिरफ्तारी का भी प्रयास कर रही है। एसटीएफ के मुताबिक अभी तक गिरोह की ओर से 20 युवकों से ठगी की पुष्टि हुई है। गिरोह उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और दिल्ली आदि स्थानों से ऐसे युवकों को निशाना बनाता था जो सेना में भर्ती होना चाहते थे।एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली कि नवयुवकों को सेना में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह देहरादून में सक्रिय है। जिस पर एसटीएफ एवं आर्मी इंटेलीजेंस की टीम ने इस संबंध में सूचना एकत्रित की। पता चाल कि गिरोह का एक सदस्य देहरादून में रहता है। वह स्वयं को सेना में लेफ्टिनेंट बताता है। मुखबिरों की सूचना पर एसटीएफ को गिरोह के सदस्य का बल्लीवाला चौक के आसपास होने की जानकारी मिली।
जिसके बाद एसटीएफ ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान अंकुर कुमार पुत्र सोमपाल सिंह निवासी यूनियन बैंक वाली गली, निकट वन्यजीव इंस्टीट्यूट चंद्रबनी के रूप में हुई। पूछताछ में गिरोह के तीन और सदस्यों अंकित निवासी धामपुर (बिजनौर), गावस्कर चौहान उर्फ आशु निवासी अमरोहा व निपेंद्र चौहान उर्फ कंचन चौहान निवासी अमरोहा के नाम भी सामने आए है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ ने टीमें रवाना कर दी है।आरोपी खुद को बताया था आर्मी में लेफ्टिनेंट
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि युवकों विश्वास दिलाने के लिए वह वह खुद को आर्मी का लेफ्टिनेंट बन जाता था। गिरोह के अन्य सदस्य डॉक्टर आदि बन जाते थे। इसके बाद उनका गिरोह उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर तथा दिल्ली आदि ऐसे युवकों को निशाना बनाते थे, जो सेना में भर्ती होना चाहते थे। इसके बाद वह युवकों को क्लर्क, जीडी में भर्ती का फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उन्हें लाखों रुपये हड़प लेते थे।
एसटीएफ को अंकुर के खातों को चेक करने पर विगत सालों से उसके खाते से डेढ़ करोड़ रुपये के बैंक लेन-देन होना पाया गया। एसटीएफ के मुताबिक अभी तक बीस युवकों से धोखाधड़ी का पता चला है। गिरोह द्वारा कितने लोगों को ठगा है, इसके बारे में जानकारी की जा रही है।