उत्तराखंड ने केंद्र के सामने रखा अपना पक्ष ,कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी को प्रवेश देना ठीक नहीं

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देहरादून। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए राज्य ने बाहरी प्रदेशों के लोगों को राज्य में प्रवेश पर सशर्त अनुमति देने के मामले में अपना पक्ष केंद्र सरकार को भेजा है। जिसमें बताया गया है कि कोरोना केसों की संख्या काफी तेजी से निकल रही है। लिहाजा इसको नियंत्रित करने के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। राज्य सरकार ने बताया है कि दो हजार लोग प्रतिदिन उत्तराखंड आ रहे हैं। उनसे कोरोना जांच रिपोर्ट दिखाने समेत कुछ शर्त रखी गई है। यह प्रदेश के हित में लिया गया फैसला है। इस संबंध में राज्य के गृह विभाग के अधिकारियों ने केंद्रीय गृह सचिव से वार्ता की।


केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कुछ राज्यों के अधिकारियों द्वारा अपने राज्यों में आवागमन पर प्रतिबंध लगाने संबंधी सूचना पर नाराजगी जताई थी। जिसके बाद हरकत में आए उत्तराखंड प्रशासन ने इस पर अपनी सफाई देनी शुरू की। केंद्रीय गृह विभाग के अधिकारियों से बगैर जांच आने वाले व्यक्तियों के क्वारंटाइन और ट्रेकिंग-ट्रेसिंग के लिए उनके पंजीकरण की व्यवस्था बहाल रखने की पैरवी की गई। सरकार ने तय किया कि मौजूदा व्यवस्था में बदलाव करने से स्थिति खराब हो सकती है। हालांकि यह भी कहा गया कि इन सभी जानकारियों के बाद भी केंद्र का जो निर्देश होगा पालन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य सरकार के तर्कों पर सहमत जताई है। राज्य की ओर से ड्राफ्ट जल्द केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जा रहा है। सीमित प्रवेश पर सरकार ने केंद्र के सामने सभी तर्क रखे हैं।

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