इस बार सुहाग का पर्व करवा चौथ को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हिंदू पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रख जाता है। लेकिन इस बार संशय बना हुआ है कि व्रत किस दिन रखना ठीक रहेगा।
नैनीताल निवासी पंडित मनोज जोशी और हल्द्वानी निवासी पंडित कैलाश पांडे का कहना है कि करवा चौथ का व्रत कुछ महिलाएं 16 साल तक रखती हैं, वहीं कुछ महिलाएं जीवन भर इस व्रत को रखती हैं। ऐसे में जो महिलाएं इस बार करवा चौथ व्रत के उद्यापन के बारे में सोच रही हैं तो उन्हें शुक्र अस्त होने के दौरान व्रत का उद्यापन नहीं करना चाहिए।
उनका कहना है कि नवविवाहित महिलाएं यह व्रत नहीं रख पाएंगी क्योंकि इस साल करवा चौथ पर शुक्र ग्रह अस्त है। प्रेम, दांपत्य जीवन, धन आदि में शुक्र ग्रह की अहम भूमिका होती है। शुक्र को सुखी वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। गुरु और शुक्र के अस्त होने पर विवाह, मुंडन, मांगलिक कार्य, नहीं किए जाते। 1 अक्टूबर से 20 नवंबर 2022 तक शुक्र अस्त है।
ये रहेगा शुभ मुहूर्त
दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रख जाता है। इस बार कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को रात 1 बजकर 59 मिनट से शुरू हो रही है। वहीं चतुर्थी तिथि का समापन 14 अक्टूबर को तड़के सुबह 3 बजकर 08 मिनट पर हो रहा है ऐसे में करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को रखना सही होगाा। करवा चौथ के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 54 मिनट से 7 बजकर 09 मिनट तक है। करवा चौथ के दिन चंद्रोदय रात 8 बजकर 09 मिनट पर है। ऐसे में चंद्रोदय के बाद करवा चौथ व्रत का परायण करना सही होगा।