प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यक्रम मन की बात के 105वें एपिसोड में एक बार उत्तराखंड के अनोखे प्रयास की सराहना की। जिसमें नैनीताल की अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी का जिक्र किया गया।
पीएम ने उत्तराखंड के नैनीताल जिले के कुछ युवाओं के प्रयासों की जमकर सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“हमारे देश में शिक्षा को हमेशा एक सेवा के रूप में देखा जाता है। मुझे उत्तराखंड के कुछ ऐसे युवाओं के बारे में पता चला है जो इसी भावना के साथ बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। नैनीताल जिले में कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी की शुरुआत की है। इस लाइब्रेरी की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी इसके जरिए बच्चों तक पुस्तकें पहुंच रही हैं और इतना ही नहीं, ये सेवा बिल्कुल नि: शुल्क है।
अब तक इसके माध्यम से नैनीताल के कई गांवों को कवर किया गया है। बच्चों की शिक्षा से जुड़े इस नेक काम में मदद करने के लिए स्थानीय लोग भी खूब आगे आ रहे हैं। इस घोड़ा लाइब्रेरी के जरिए यह प्रयास किया जा रहा है कि दूरदराज के गांवों में रहने वाले बच्चों को स्कूल की किताबों के अलावा कविताएं, कहानियां और नैतिक शिक्षा की किताबें भी पढ़ने का पूरा मौका मिले। ये अनोखी लाइब्रेरी बच्चों को भी खूब भा रही है।”
1 गांव से शुरू हुई लाइब्रेरी 14 गांव तक पहुंची
घोड़ा लाइब्रेरी नैनीताल जिले के युवाओं की एक अनूठी पहल है। हिमोत्थान व संकल्प यूथ फाउंडेशन संस्था की मदद से घोड़े की पीठ पर चलती-फिरती लाइब्रेरी यानी घोड़ा लाइब्रेरी शुरू की गई। दूरस्थ गांव में जहां सड़क, संचार नेटवर्क व पढ़ाई के संसाधनों का अभाव है, वहां घोड़ा लाइब्रेरी पहुंच रही है। बच्चों को साहित्य और नैतिक शिक्षा से जोड़ने के लिए यह मुहिम शुरू की गई । बाघिनी गांव से घोड़ा लाइब्रेरी शुरू हुई और आज यह लोगों की मदद से घोड़े की पीठ पर पुस्तकें लेकर जलना, तोक व आलेख गांव समेत करीब 14 अन्य गांवों में बच्चों तक शिक्षा पहुंचा रही है।