कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं से जुबानी जंग लड़ रहे हैं पहले राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से और अब सोमेश्वर से विधायक एवं वर्तमान में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य से , रेखा आर्य उन्हें ईट का जवाब पत्थर से दे देगी और जवाब भी ऐसा हरीश रावत की सारी पोल पट्टी खोल कर रख दी , एक समय था जब रेखा आर्य कांग्रेस से विधायक थी उस वक्त हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब बड़ी संख्या में कांग्रेस से नाराज होकर कई बड़े नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे उनमें से रेखा आर्य भी एक थी उस वक्त हरीश रावत को यह भरोसा था विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के वक्त रेखा आर्य का मत उनकी तरफ जाएगा लेकिन रेखा आर्य बागी विधायकों के साथ खड़ी हो गई उस वक्त का दर्द हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से तंज कसते हुए कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य पर पहाड़ी बोली में हमला किया था जिसके जवाब में रेखा आर्य ने उसी भाषा शैली में जवाब देते हुए लिखा । (पहाड़नछू छेड़ला तो छोड़ूल लै ना) अर्थात में पहाड़न हूं छेड़ोगे तो छोडूंगी नहीं। यह शब्द रेखा आर्य ने हरीश रावत के लिए लिखें
अपने स्थानीय बोली में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने हरीश रावत पर पलटवार करते हुए जोरदार हमला किया रेखा आर्य लिखती है “मारखुली #बल्द अलग- थलग पड़ी बाद लै दूर में जाबै पछीन बटी वार करण की आपुंण प्रवत्ति कैं नी छोड़ून
अब दाजू तुम एक #पहाड़क_चेली कैं बार-बार छेड़ला तो जो पहाड़ नारी सौम्य,सरल और सादगी परिपूर्ण तो हैं लेकिन जब उकैं परेशान करि जाँ तो फिर उकैं लै जवाब दिणंक लिजी मजबूर हुँण पड़ूँ ,फिर ऊ नारी कै सीमा लाँघण पणै दाज्यू मैं जांणनूं कि तुमु पै यौ समय दोहरी मार पड़ रै, एक ओर बुढ़ापा दूसर ओर मुख्यमंत्री कुर्सी कैं देखी बटि जो तुमरी लार टपक जैं अब करैं तो करैं क्या। दाज्यू जब तुमल एक नारी जो तुमरि चेली समान छी उन्है उज्याड़ू बकरी जस शब्दों बैटी सुशोभित कर दी तो मैं आपू द्वारा लगाई गई #सोशल मीडिया में पोस्टों क जवाब जरूर दिण चाहनूं।
आपूल लिखो जब विधानसभा में शक्ति परीक्षण छी तो मैं कैं विश्वास छी कि मेरी चेली कैली कका चिंता नी करो और लेकिन हरी-हरी कागजो में ताकत छूँ। दाज्यू बड़ी विनम्रता बटी कनूं कि यो चेली के मुखल कनी कि तुमर दगड़ छूँ म्यर नैनीसार में ऊँ मातृशक्ति हमर दाज्यू पी.सी.तिवारी और सारे क्षेत्रवासियों कैं जब एक तो जमीन ठगी दी और उल्टा आपूल उनु पै पुलिस वालों हैं लाठी और पड़ै दी तो मैल तो वो दिन ही मनम सोची हय कि मौक मिलते ही जवाब दयूल और शक्ति परीक्षण में मैल अन्तर्रात्माक अवाजल जवाब दी।
दाज्यू हरी-हरी कागजो में ताकत जरूर हैं यौ बात तुमर हबे ज्यादा को समझ सकूँ किलै कि मुख खुलाला तो मजबूर हबै खोलल जरूर हरी-हरी कागजों लालच तुमल कैक-कैक द्वारा भिजवा अगर कला तो मैं नाम खोली दयूल यक लिजी मर्यादा तोड़ है मकै मजबूर नी करो मैं #पहाड़नछूछेड़ला तो छोड़ूल लै ना मैल तुमर हरी-हरी कागज ठुकरे बेर आपूं आत्म सम्मान में तुमर खिलाफ वोट दी किलैकि तुम हरी-हरी कागज़ो भरी अटेची पहुँचाणक लिजी बहुत बेचैन छिया। तो दाज्यू कई राज जो राज छन म्यर मानो उनुकै खोलहैं मजबूर नी करो तो तुमर बुढापा क लीजी ठीक रौल यो म्यर सुझाव छूँ। अब देखना होगा रेखा आर्य के लगाए गए इन आरोपों राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत क्या प्रतिक्रिया देते हैं