नगर पालिका के फैसले के विरोध में उतरे सभासद
नैनीताल। नगरपालिका के द्वारा मल्लीताल डीएसए कार पार्किंग का ठेका नियम विरुद्ध तरीके से गाजियाबाद की एक कंपनी को दे दिया गया है। बिना बोर्ड बैठक किए गुपचुप तरीके से किये गए इस टेंडर के विरोध में कुछ सभासद उतर आये हैं। वहीं नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने गुरुवार को संबंधित कंपनी को इसे हैंड ओवर करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
नगर पालिका द्वारा डीएसए पार्किंग का ठेका बिना बोर्ड बैठक के तय कर दिया गया है, जिसके बारे में सभासदों को भी जानकारी नहीं है। पालिका द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से टेंडर आवंटित किए गए हैं। हाल ही में पालिका के अधिशासी अधिकारी द्वारा मात्र दो टेंडर मिलने पर ही टेंडर खोल दिया गया। जबकि नियम के तहत तीन या तीन से अधिक टेंडर पत्र प्राप्त होने पर ही निविदा खोली जाती है। लेकिन यहां नियमों को ताक पर रखते हुए दो टेंडर पत्र मिलने पर ठेका गाजियाबाद की कंपनी को आवंटित कर दिया गया।
मालूम हो कि पूर्व के ठेकेदार का नगर पालिका से विवाद के बाद मामला अदालत में चला गया था। इधर करीब 4 माह से नगरपालिका खुद ही डीएसए कार पार्किंग का संचालन कर रही थी।
इतना ही नहीं पालिका द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से पार्किंग संचालित करने का समय भी एक वर्ष से बढ़ाकर 20 माह कर दिया गया है। जबकि इस विषय पर पहले पालिका को बोर्ड बैठक से प्रस्ताव पारित करवाना होता है। इसके अलावा टेंडर लेने के लिए जमा की जाने वाली सिक्योरिटी मनी की राशि को भी दस प्रतिशत बढ़ाकर इस बार 50 लाख रुपये कर दिया गया। जिससे स्थानीय और आसपास के ठेकेदार इन शर्तों को देखते हुए टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाए।
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सभासद मनोज साह जगाती का कहना है कि पालिका द्वारा गुपचुप तरीके से अपने लोगों को फायदा दिलाने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं जिनमें पालिका के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई है। अधिशासी अधिकारी द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाने के मामले पर उनके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की जाएगी। सभासद मोहन नेगी,कैलाश रौतेला, पूर्व मनोनीत सभासद राहुल पुजारी ने भी पालिका के इस फैसले का विरोध किया है।
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नगरपालिका की डीएसए कार पार्किंग का ठेका मार्च 2024 तक के लिये 1 करोड़ 90 लाख, 51 हजार में हिमांशु त्यागी की कंपनी मैसर्स तनिष्क इंफ्राटेक गाजियाबाद को मिला है। जबकि टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाला दूसरा व्यक्ति दिल्ली का ही था। जिसने 1 करोड़ 89 लाख 72 हजार का था टेंडर भरा था। वहीं, टेंडर प्रक्रिया के दौरान नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक वर्मा, कोषाधिकारी मनोज साह, दीपक बुधलाकोटी, हेम पंत आदि मौजूद थे। ऐसे में टेंडर प्रक्रिया सवालों के घेरे में है।
सभी मानकों और नियमों के तहत ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई है।
ईओ अशोक वर्मा, नगर पालिका