नैनीताल। शहर के जैविक और अजैविक कूड़े के रिसाइकल को लेकर नारायण नगर में प्रस्तावित रीसाइक्लिंग प्लांट का विरोध जारी है। करीब 3 महीने बाद साइकिलिंग प्लांट बनाए जाने को लेकर बुधवार को प्रशासन की टीम जब बातचीत के लिए नारायण नगर पहुंची तो वहां के स्थानीय लोगों ने साफ इंकार कर दिया और वह वहां रीसाइकलिंग प्लांट के विरोध को लेकर अड़े रहे।
एसडीएम राहुल साह, नगर पालिका अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल की स्थानीय लोगों के साथ घंटों हुई वार्ता के बावजूद कोई निष्कर्ष नहीं निकला और ग्रामीण प्लांट नहीं लगाने की मांग पर अड़े रहे।
मालूम हो कि डीएसबी विभाग के नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग और नगर पालिका द्वारा सरकार के सहयोग से नारायण नगर में तीन करोड़ की लागत से कूड़ा रीसाइक्लिंग प्लांट बनाने की योजना है, जिसके लिए वहां मशीन भी स्थापित कर दी गई है। बीते वर्ष अक्टूबर माह में भी प्लांट के निरीक्षण को पहुंचे नगर पालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी अशोक वर्मा और देहरादून से आई विशेषज्ञों की टीम का क्षेत्रवासियों ने घेराव किया था। सभासद भगवत रावत के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्लांट का निर्माण कार्य रुकवा दिया गया था। साथ ही उन्होंने बेमियादी धरना प्रदर्शन भी किया था। करीब 3 माह बाद प्रशासन और नगर निगम की टीम वार्ता के लिए पहुंची, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकला। डीएसबी नैनीताल के नैनोसाइंस विभाग के डॉक्टर सुनील और उनकी टीम द्वारा इस प्रोजेक्ट को नगरपालिका के सहयोग से नारायण नगर में बनाए जाने के लाभ भी बताए गए, उन्होंने भी स्थानीय लोगों से वार्ता का प्रयास किया, लेकिन स्थानीय लोगों ने उनकी एक नहीं सुनी।
ग्रामीण प्लांट नहीं लगाने की मांग पर अड़े रहे। वार्ता के दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों को काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन वार्ता विफल रही।
इस मौके पर नारायण नगर के सभासद भगवत रावत ने कहा कि मशीन बिना अनुमति के और बिना टेंडर प्रक्रिया के नगर पालिका द्वारा लगाई गई है, जिसका ग्रामीण कड़ा विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि कूड़ा रीसाइक्लिंग प्लांट क्षेत्र में बनने से जल, वायु प्रदूषण की समस्या से गांव वालों को मुश्किलें होंगी, जिसके लिए वह विरोध कर रहे हैं। अयारपाटा के सभासद मनोज शाह जगाती ने भी नारायण नगर के लोगों को समर्थन दिया।