{ हिल्स मिरर } प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के खिलाफ दायर जनहित याचिका में उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया, अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिकाओ पर अपना निर्णय सुनाते हुए मुख्य न्यायधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य और केंद्र सरकार को ये निर्देश दिए है…….
उच्च न्यायालय ने निर्देश जारी कर कहा है कि …..
- प्रतिदिन होने वाले टैस्ट की संख्या राज्य तेजी से बढ़ाये, क्योंकि आई.सी.एम.आर.के निर्देशों के अनुरूप राज्य सरकार टैस्ट की संख्या घटा नहीं सकती ।
- केंद्र सरकार को आदेशित किया जाता है कि वह राज्य की ऑक्सीजन का कोटा 183 मैट्रिक टन से 300 मैट्रिक टन किए जाने पर गंभीरता से विचार करें।
- केंद्र सरकार इस बात पर भी विचार करे कि उत्तराखंड का बहुत बड़ा हिस्सा पर्वती क्षेत्र है, जहां पर निरंतर ऑक्सीजन की सप्लाई की आवश्यकता पड़ेगी, इसलिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र को इस संबंध में की गई मांग जिसमें 10,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 10,000 ऑक्सीजन सिलेंडर 30 प्रेशर स्विंग ऑक्सीजन प्लांट तथा 200 सी.ए.पी.और 200 बाइपेप मशीन के साथ एक लाख पल्स ऑक्सीमीटर की मांग की गई है, इसपर केंद्र सरकार गंभीरता से निर्णय ले।
- राज्य सरकार का केंद्र को अपनी ऑक्सीजन के कोटे का प्रयोग अपने ही उत्पादन से करने की प्रार्थना पर केंद्र सरकार एक सप्ताह में निर्णय ले।
- राज्य सरकार को आदेशित किया गया है कि वह चार धाम के लिए जारी एस.ओ.पी.का पालन गंभीरता से करें और इस बात को सुनिश्चित करें कि पुजारियों और स्थानीय श्रद्धालुओं की कोरोना से सुरक्षा हो सके।