नैनीताल में गुरुवार को प्रशासन ने वीरभट्टी में अवैध रूप से बने मदरसे के भवन को ध्वस्त करने की कार्यवाही शुरू की। इस दोमंजिले भवन को जेसीबी से तोड़ा गया।
राजस्व विभाग की जांच में मदरसे के लिये भवन का 266.05 स्क्वायर मीटर हिस्सा अवैध पाया गया । जिसे आज जेसीबी द्वारा तोड़ा गया।
मदरसे के साथ अवैध रूप से बनाए गए आधा दर्जन शौचालय और टिन सेट भी ध्वस्त किए गए। ध्वस्तीकरण की कार्यवाही राजस्व विभाग, प्राधिकरण व अन्य विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में हुई । इस स्थान पर मस्जिद के लिए दी गई जमीन में अवैध रूप से मदरसा बनाकर चलाया जा रहा था । मदरसे में रह रहे बच्चों के अभिभावकों ने प्रशासन से वीरभट्टी में संचालित मदरसे में बच्चों की सही देखरेख न होने की शिकायत की थी, जिसके बाद 8 अक्टूबर को प्रशासन ने मदरसे का निरीक्षण किया। जहां कई अनियमितताएं पाई गई थी। जिसके बाद तल्लीताल थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था बताया गया है कि अंजुमन इकरा नाम से यह मदरसा 2010 से संचालित था, जिसमें कई तरह की शिकायतें थी। यह जगह गेठिया ग्राम सभा में है, इस स्थान से सड़ियाताल ग्राम सभा के बकरखोड़ तोक को भी पैदल रास्ता था, जो बाद में मस्जिद संचालकों ने बन्द कर दिया था, जिससे ग्रामीणों में रोष था।
नैनीताल स्थित ज्योलिकोट के वीरभट्टी पुल के समीप एक अंजुमन इकरा नाम से वर्ष 2010 में मदरसा खोला गया था, जिसमें कक्षा 5 तक के मुस्लिम बच्चों को तालीम दी जाती थी। एक परिजन ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बड़ी शिकायत की जिसके बाद जिला प्रशासन की टीम पुलिस के साथ मदरसे में पहुंची थी। मदरसे के निरीक्षण में लगभग सभी आरोप सही पाए गए थे। पुलिस ने सी.सी.टी.वी.कैमरे का डी.वी.आर.सील किया था और बच्चों ने अपने साथ हो रही नाइंसाफी की दासता बयां की थी। साथ ही शिकायतकर्ता मो.अफजल ने भी अपना दर्द सुनाया था।