हल्द्वानी: प्रशासन पर दबाव बनाने में सफल हुए रिंग रोड का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी,आंदोलन स्थगित

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किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति का हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन 28वें दिन प्रशासन के साथ सहमति के बाद स्थगित हुआ। आंदोलनकारियों ने 28 दिनों में पूरी तरीके से राजनीतिक एवं प्रशासनिक कुर्सियों को हिलाएं रखा प्रदर्शनकारियों के विभिन्न कार्यक्रमों ने लगातार प्रशासन पर दबाव बनाया, जिसका परिणाम आज देखने को मिला।

किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के संस्थापक अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय ने बताया की प्रशासन ने दोनों वार्ताओं में त्योहारों को देखते हुए धरना प्रदर्शन स्थगित करने की मांग की थी, क्योंकि वह गांव के रामलीला मैदान में बैठे हुए थे एवं रामलीला का मंचन गांव की सभ्यता संस्कृति से जुड़ा हुआ है ऐसे में धरना प्रदर्शन कहीं ना कहीं रामलीला को भी प्रभावित करता।

प्रशासन ने किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति की प्रथम मांग यह मानी है कि सार्वजनिक सूचना के रूप में लगा हल्द्वानी निर्माण खंड में 4 सितंबर 2024 को दर्ज पत्रांक संख्या 2392/2 एसी को निरस्त किया गया। इस पत्रांक में प्रस्तावित रिंग रोड पर कृषक मकान, दुकान, स्वामियों से भू अभिलेख की मांग की गई थी, जिसे समिति ने औचित्यहीन और विवेकहीन बताया था।

उप जिलाधिकारी ने प्रदर्शनकारियों को यह आश्वस्त किया है कि इसी सप्ताह जनपद की जिलाधिकारी से उनकी वार्ता करवाएंगे। साथ ही वह जब भी चाहे हल्द्वानी पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के कार्यालय जाकर रिंग रोड संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच स्वतंत्र रूप से कर सकते हैं,यदि उन्हें जरूरत पड़ी तो साथ में उप जिलाधिकारी अथवा राजस्व विभाग के कोई अधिकारी भी उनके साथ चलेंगे।

किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति ने यह स्पष्ट किया है कि यह धरना प्रदर्शन सिर्फ स्थगित हुआ है हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना से यदि कोई भी किसान दुकान मकान स्वामी प्रभावित होगा तो पुनः आंदोलन किया जाएगा। साथ ही जिन आपत्तियों को पीडब्ल्यूडी विभाग में पहुंचा दिया गया है, जिसमें क्षेत्रीय विधायक और सांसद की भी आपत्ति है, सरकार द्वारा उन पर पूर्ण रूप से सुनवाई कर निस्तारण होने तक इन जगहों पर सीमांकन के लिए पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड नहीं उतरेगा। प्रशासनिक वार्ताओं में यह भी स्पष्ट कहा गया है और अधिकारियों ने सहमति जताई है कि रिंग रोड संबंधित भविष्य में जो भी पांच सर्वे की बात चल रही है किसान के खेत में सर्वे खड़ी फसल के दौरान नहीं होगा। जब किसान के खेत बंजर होंगे, उस दौरान सीमांकन के लिए खेतों में सर्वे टीम उतरेगी।

उन्होंने कहा कि रिंग रोड 2017 में प्रस्तावित है और पिछले 7 वर्षों में सिर्फ एक ही जगह लगातार पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के अधिकारियों ने सर्वे कर किसी भी बड़ी परियोजना को धरातल में उतारने के लिए अमानवीय व्यवहार अपनाया, जिसे किसी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। जिला अधिकारी से इस संदर्भ में जांच कमेटी की मांग समिति के माध्यम से आने वाले दिनों में की जाएगी। उन्होंने कहा यह समिति के आंदोलन की ही जीत है कि प्रशासनिक अधिकारियों को पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के अधिकारियों के साथ मिलकर प्रेस वार्ता करनी पड़ी और रिंग रोड पर पूरी स्थिति और असमंजस को स्पष्ट करना पड़ा। यहां तक कि क्षेत्रीय कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत को भी जंगल किनारे सर्वे के लिए उतरना पड़ा।

किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति ने कहा कि गांव के बीच आजादी के बाद पहली बार आंदोलन हुआ है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आंदोलन लगातार होते रहने चाहिए। इस आंदोलन से गांव के युवा जागृत हुए हैं और किसी भी आंदोलन की इससे बड़ी जीत नहीं हो सकती।

किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने यह भी कहा कि अब गांव में जब भी अधिकारी उतरेंगे तो वह किसी किसान पुत्र या किसानों प्रधानों के अधिकारों का हनन नहीं कर सकते। किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति आगे भी गांव में खेती से जुड़े सभी मुद्दे प्रमुखता से प्रशासन के सामने रखेगी।

समिति के संस्थापक अध्यक्ष कार्तिक ने यह भी कहा कि आज 28 दिन का आंदोलन शायद दो सप्ताह में ही समाप्त हो जाता, यदि गांव के निर्वाचित जनप्रतिनिधि आंदोलन में प्रत्यक्ष रूप से सहभागिता निभाते, लेकिन आज गांव वासियों को सोचना होगा यदि गांव में विपदा आती है तो भविष्य में किस तरह के जनप्रतिनिधियों का चुनाव उनके द्वारा किया जाना चाहिए, क्योंकि इस आंदोलन का साक्ष्य प्रत्येक मतदाता भी है।

आज हल्द्वानी तहसीलदार सचिन कुमार ने धरना स्थल पहुंचकर प्रदर्शनकारी किसान पुत्रों, महिलाओं को जूस पिलाकर उनका अनिश्चितकालीन धरना स्थगित कराया। इस दौरान किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष निक्की दुर्गापाल, उपाध्यक्ष ललित मोहन जोशी, कोषाध्यक्ष राहुल उपाध्याय, सचिव लक्ष्मण सिंह बोरा, संयोजक कैलाश सिंह कुल्याल, ललित मोहन भट्ट, हेमंत बिष्ट सहित आनंद सिंह दर्मवाल, पूर्व ग्राम प्रधान बैड़ापोखरा बजवालपुर ललित मोहन नेगी, सामाजिक कार्यकर्ता योगेश जोशी, कैलाश सिंह क्वीरा, खीम सिंह घुड़दौड़ा, आयुष रावत, हीरा बोरा, पुष्पा बोरा, कमल बोरा, पूनम बोरा, चेष्टा बोरा, भूमिका बोरा, पुष्पा उपाध्याय, शांति कापड़ी, बिमला कापड़ी, ममता उपाध्याय, दीपा उपाध्याय सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।