हल्द्वानी। नगर के सूदखोरों पर जल्द इनकम टैक्स का शिकंजा कसा जाएगा। जरूरतमंदों का फायदा उठाकर सूदखोर मोटे ब्याज पर पैसा दे रहे हैं। समय पर वापस न मिले तो गुंडागर्दी से पैसा वसूला जा रहा है।
लंबे समय से चल रहे इस गोरख धंधे पर अब पुलिस और खुफिया विभाग की नजरें टेड़ी हो गई हैं। विभाग ने शहर के सूदखोरों की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है। पहली लिस्ट में 25 बड़े सूदखोरों के नाम हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर पुलिस ने बड़ी कार्य योजना तैयार की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार जरूरतमंदों को पैसा देकर मनमाना व्याज वसूलने का धंधा हल्द्वानी में जोरों पर चल रहा है। पुलिस के पास इसकी सूचनाएं भी हैं।
प्रतिशत ब्याज की दर 15 से 20 तक है, जो चुकाने वाले के लिए काफी महंगी पड़ती है। ये सूदखोर ज्यादातर उन लोगों को पैसा देते हैं जो इनका पैसा जल्द न चुका पाएं। उनसे लंबे समय तक सूद वसूला जाता है, जो कि असल रुकम से कई गुना हो जाता है। न देने पर उनसे मारपीट या संपत्ति अपने नाम करवाने से भी ये नहीं चूकते। लगातार इस तरह की सूचनाएं सामने आने के बाद पुलिस और खुफिया विभाग सतर्क हुआ और सूदखोरों की लिस्ट बनानी शुरू की। जिसमें ज्यादातर व्यापारी, प्रॉपर्टी डीलर और कुछ राजनेता शामिल हैं। पुलिस के अनुसार इनमें से एक भी साहूकारी अधिनियम में पंजीकृत नहीं है।
10 से 20% तक का ब्याज तक निर्धारित
सूदखोरों ने बकायदा ब्याज को लेकर वीजिटिंग कार्ड छपवाये गये हैं। जिनमें ब्याज देने का स्पष्ट उल्लेख किया जा रहा है। इनसे संपर्क करने पर यह 10 से 20 प्रतिशत तक का ब्याज निर्धारित बताते हैं। साथ ही ब्याज में पैसा उठाने के लिए संपत्ति आदि के कागजातों की डिमांड भी की जा रही है।
आज तक नहीं की गई कोई कार्रवाई
सूदखोरों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस-प्रशासन का रवैया भी उदासीन रहा है। ऐसा नहीं है कि सूदखोरी की जानकारी पुलिस को नहीं है। समय-समय पर इस तरह के मामले पुलिस के समक्ष उठते रहे हैं। जिनमें पीड़ितों ने सूदखोरों के नाम तक उजागर किए। लेकिन आज तक पुलिस ने एक भी सूदखोर पर कार्रवाई नहीं की।
सूदखोरी काफी बड़े पैमाने पर हो रही है। 20 प्रतिशत तक का मोटा ब्याज ये लोग वसूल रहे हैं। इनकी लिस्ट तैयार की जा रही है। पहली लिस्ट में 25 बड़े सूदखोरों के नाम है। शिकायत आते ही इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इनकी लिस्ट इनकम टैक्स को भेजकर संपत्ति की जांच भी करवाई जाएगी।
पंकज भट्ट, एसएसपी नैनीताल
(रिपोर्ट- वरिष्ठ पत्रकार सलीम खान)