{ हिल्स मिरर } प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार अभी राहत देने के मूड में नहीं दिख रही है ऐसे में उम्मीद कम ही है कि 25 मई के बाद राज्य सरकार कोविड-19 में कुछ राहत देगी वहीं प्रधानमंत्री ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता जताई थी जिसके बाद राज्य सरकार भी इस विषय पर गंभीर है, प्रदेश सरकार 25 मई के बाद आम जनता को राहत देने के लिए कोविड कर्फ्यू में ढील , संक्रमण की स्थिति के आकलन के बाद ही कोई फैसला लेगी
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कोविड कर्फ़्यू में राहत को लेकर कहा है कि रोजाना पॉजिटिव मरीजों की संख्या का आंकड़ा 1000 से नीचे आने के बाद ही इस विषय पर विचार किया जाएगा वहीं कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा है कि संक्रमण के नियंत्रण को लेकर अगर स्थिति अनुकूल नहीं होती तो ऐसे में और अधिक सख्ती बरती जाएगी वहीं अगर संक्रमण की दर में गिरावट आती है तो इस पर समीक्षा के बात राहत देने पर विचार किया जाएगा
लागू कोविड-19 में सख्ती बरतने के बाद स्थिति में कुछ हद तक सुधार दिखाई दिया है हालांकि अभी सरकार पूरी तरह आश्वस्त नहीं दिखाई दे रही जिस की एक बड़ी वजह ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की दर का तेजी से बढ़ना है ।अतः माना जा रहा है कि 30 मई तक सख्ती बरकरार रखी जा सकती है,
वही संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अन्य राज्यों से अभी तक एक लाख के आसपास उत्तर वासी वापस उत्तराखंड लौटे हैं जिसके बाद गांव में संक्रमण तेजी से बढ़ा है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार गंभीरता से काम करने की तैयारी कर रही है और स्थाई तौर पर सुधार दिखने पर ही कोविड-19 में राहत देने पर विचार किया जाएगा इसके साथ ही मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा है कि बाहर से आने वालों को उत्तराखंड में बगैर rt-pcr की नेगेटिव रिपोर्ट के दाखिला नहीं दिया जाएगा
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कोविड-19 तीसरी लहर मुश्किल ना बने इसके लिए प्रदेश सरकार तैयारी कर रही है खासकर तीसरी लहर का संक्रमण बच्चों में ज्यादा होने की आशंका है ऐसे में प्रदेश भर में अस्पतालों के आसपास होटलों का भी अधिग्रहण किया जाएगा इन्हें कोविड-19 के रूप में तैयार करने की बात कही है