रामपुर रोड दिल्ली पब्लिक स्कूल, हल्द्वानी ने 4 नवंबर, 2023 को पाँचवे वार्षिकोत्सव को ” द लीजेंड ऑफ राघव – एक आदर्श जीवन कालातीत की शानदार प्रस्तुति दी। जिसमें राघव के अनुकरणीय जीवन, गुण, सिद्धांत, कर्तव्य, निष्ठा और संस्कृति की गहरी श्रद्धा को दर्शाया गया जो एक आदर्श मानव पुत्र, भाई, पति और राजा के गुणों का प्रतीक था।
पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित किया गया। जो की महाराष्ट्र और गोवा के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत सायं 4:45 बजे दीप प्रज्ज्वलन से की गई। जिसमें हिमालय एजुकेशन सोसाइटी के चेयरमैन भूमेश अग्रवाल, रीता अग्रवाल, डी.पी. एस. हल्द्वानी के प्रो. वाइस चेयरमैन विवेक अग्रवाल, श्रेयल अग्रवाल, स्कूल की प्रधानाचार्या रंजना शाही आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाने से पहले डीपीएस हल्द्वानी के संस्थापक स्व. हजारी लाल अग्रवाल जी को अरविंद बंसल ने उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की, कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती वंदना से की गई, छात्रों ने महाकाव्य रामायण के प्रमुख क्षणों को चित्रित करते हुए राघव के जीवन और यात्रा के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया। “पंचतव” के चित्रण के साथ इस कार्यक्रम ने एक अभिनव मोड़ ले लिया, जहाँ कक्षा 1-4 के बच्चों ने वायु के पाँच तत्वों को मूर्त रूप दिया और आकाश, वायु, जल, अग्नि और पृथ्वी से अपनी रचनात्मक और कलात्मक शक्ति का प्रदर्शन किया।
डीपीएस प्रधानाचार्या रंजना शाही ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट द्वारा विद्यालय की गतिविधियों तथा उपलब्धियों का लेखा- जोखा प्रस्तुत किया। साथ ही बच्चों को प्रिंसिपल अवॉर्ड से सम्मानित किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि, माननीय भगत सिंह कोश्यारी, ने दर्शकों को संबोधित किया, उन्होने छात्रों के उल्लेखनीय परिणाम और वार्षिक समारोह उत्कृष्ट प्रदर्शन व निर्बाध आयोजन के लिए काफ़ी प्रशंसा की l उन्होंने विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों एवं सिद्धान्तों को बरकरार रखते हुए जीवन में सीखने एवम् आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया साथ ही अपने जीवन के अनुभवों को जनता के समक्ष साझा किया।
मुख्य अतिथि के संबोधन के बाद प्रो वाइस चेयरमैन, विवेक अग्रवाल ने अपने भाषण में अभिभावकों व सभा में उपस्थित सम्मानित सदस्यों का आभार प्रकट किया जिसके विश्वास, समर्पण, सामूहिक प्रयास से हम डीपीएस की दूसरी शाखा खोल पाने में एक मुकाम हासिल कर पाएँ हैं। यह आने वाले समय का सुनहरा आगाज़ है। शाम के भव्य समापन को नाटकीय और नृत्य छात्रों ने जीवंत बना दिया, जिन्होंने राघव की किंवदंतियों का सुंदर मंचन किया।
उनका प्रदर्शन भगवान राम की विरासत के प्रति एक हार्दिक श्रद्धांजलि थी और रामायण में पाए गए कालातीत ज्ञान की याद दिलाती है। अंत में वृंदगान (कोरस) ने दर्शकों को भक्ति में डूबो दिया।