2022 में हार्वेस्ट मून शनिवार को उदय हुआ और हर पूर्णिमा की तरह यह शाम को पश्चिम में सूर्य के अस्त होने के तुरंत बाद दिखाई दिया। 9 से 11 सितंबर तक दर्शकों के लिए एक और पूर्णिमा की रात रही। क्योंकि 16 कलाओं वाला चंद्रमा एक निश्चित समय पर पूर्ण हुआ।
शरद ॠतु के इस हार्वेस्ट मून को दुनिया भर के खगोल प्रेमियों ने अपने-अपने कैमरे में कैद किया है। क्या है harvest moon यानि की फसल चंद्रमा की खासियत और इसे यह नाम क्यों दिया गया? आईये जानते हैं…
जैसा की नाम से ही मालूम होता है। हार्वेस्ट का मतलब होता है खेतों में पकी हुई फसल की उपज की कटाई। खेतों में फसल कटाई ( Harvesting ) का यह समय चाँद से गहरा ताल्लुक रखता है। हार्वेस्ट मून को पूर्ण चंद्रमा भी कहा जाता है। नेटिव अमेरिकियों ने इसे हार्वेस्ट मून नाम दिया था।
हार्वेस्ट मून की खासियत यह होती है कि जब चंद्रमा सामान्य दिनों की अपेक्षा सूर्यास्त के कुछ ही मिनट में उदय होकर अपनी चांदनी बिखरेता है। तो इस हार्वेस्ट मून की चांदनी से किसानों को गर्मियों में उगाई जाने वाली फसलों की कटाई और मड़ाई में तब मदद मिलती थी। पहले के समय में किसानों के चंद्र पंचांग होते थे। जब उनके पास सुविधाओं की कमी हुआ करती थी। तब शरद काल में चांद की इस रोशनी में किसान फसल कटाई का अपना काम आसानी से पूरा कर लेते थे। इसलिए इसे पश्चिम में फुल हार्वेस्ट मून नाम दिया गया।
हार्वेस्ट मून की खासियत यह होती है कि जब चंद्रमा सामान्य दिनों की अपेक्षा सूर्यास्त के कुछ ही मिनट में उदय होकर अपनी चांदनी बिखरेता है। तो इस हार्वेस्ट मून की चांदनी से किसानों को गर्मियों में उगाई जाने वाली फसलों की कटाई और मड़ाई में तब मदद मिलती थी। जब उनके पास सुविधाओं की कमी हुआ करती थी। चांद की इस रोशनी में किसान फसल कटाई का अपना काम आसानी से पूरा कर लेते थे। इसलिए इसे पश्चिम में फुल हार्वेस्ट मून नाम दिया गया।