स्कूल के अंदर कोरोना संक्रमित क़ैदी,और बाहर पढ़ रहे हैं बच्चे…

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पौड़ी में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है, जहां स्कूल खुलने के बाद भी जिला प्रशासन व जेल प्रशासन ने दो कैदियों को स्कूल में रखा हुआ है।
इन कैदियों को कोरोना सन्देह होने पर राजकीय माध्यमिक विद्यालय ओजली में रखा गया। अब जब सरकारी स्कूल खुल चुके हैं तो कैदियों को यहां से शिफ्ट कर देना चाहिए था, लेकिन इन्हें शिफ्ट करने की जहमत अब तक न तो जिला प्रशासन ने उठाई है न ही जेल प्रशासन ने।
ऐसे में स्कूल खुलने के बाद स्कूल पहुंच रहे छात्र छात्राओं व शिक्षको को कोरोना संक्रमण फैलने का डर सता रहा है। स्कूली छात्रों का पठन पाठन स्कूल कक्षो में न होने के बजाय बाहर फील्ड में ही हो रहा है। वहीं छात्र कोरोना के भय से स्कूल के शौचालय तक इस्तमाल नही कर पा रहे हैं।


कोरोना संक्रमित कैदी पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी में तो रह रहे हैं, लेकिन यहां पर तैनात पुलिस कर्मी तक मास्क पहनने की जहमत नही उठा रहे। ऐसे में स्कूली छात्र छात्राएं कोरोना से कितने सुरक्षित होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि छात्रों को स्कूल भवन से दूर रखा जा रहा है ताकि कोरोना का साया छात्रों में न मंडराए।
वहीं जब तक छात्र स्कूल परिसर में हैं, तब तक छात्रों की देखरेख स्कूल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। जिससे छात्रों और शिक्षको की दिक्कते जिला प्रशासन की नजरअन्दाजगी के बढ़ गई है। स्कूली बच्चो की पढ़ाई में बढ़ा व्यवधान भी पैदा हो गया है।स्कूल प्रधानचार्य ने बताया कि 2 सितम्बर से कैदी यहां ठहरे हुए हैं जिन्हें हटाने की जहमत प्रशासन ने स्कूल खुलने पर भी नही उठाई है जबकि स्कूल प्रशासन कई बार कैदियों को हटाने का निवेदन प्रशासन से कर चुका है।
जेल प्रशासन भी कैदियों को लेने से तब तक मना कर रहा है जब तक इनके लिए गए सैम्पल की रिपोर्ट न आ जाये। वहीं जिला प्रशासन की इस मामले के उठने पर होश उड़ गए हैं। अब प्रशासन ने कैदियों को शिफ्ट करने की बात कहकर छात्र सुरक्षा से जुड़े इस पूरे मसले से अपना बचाव किया

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