देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह एक ओर उत्तराखण्ड का अपमान करने वाले को महिमा मंडित करती है, वहीं दुष्कर्म के आरोपी को बचाती दिख रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने अनुशासन का बहुत डंका पीटती है। अनुशासन के नाम पर उसने चार विधायकों की पेशी लगाई, बड़ा शोर सुनाई दिया, लेकिन उसका नतीजा क्या निकला। केवल यह तथ्य कि भाजपा हमेशा दोहरे मापदंडों वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी व्यक्ति खुद से सवाल करे कि एक विधायक द्वारा उत्तराखंड और उत्तराखंड के लोगों के लिए जिन अपशब्दों का प्रयोग किया गया, क्या वो क्षम्य हैं। मगर भाजपा क्षमा ही नहीं करती है, गुलदस्ते और फूलमालाएं देकर ऐसे व्यक्ति को महिमामंडित करती हैं। दुष्कर्म के आरोपी के बचाव में तो जब स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री खड़े दिखाई देने लगे हैं, तो इस विषय में कुछ कहने को अब बचा नहीं है। उन्होंने कहा कि वह किसी दल के आंतरिक मामलों में टिप्पणी नहीं कर रहे हैं बल्कि एक राजनैतिक दल के सार्वजनिक आचरण पर टिप्पणी कर रहे हैं।
हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार, मनरेगा में काम करने वाले कर्मचारियों और श्रमिकों की कितनी उपेक्षा कर रही है इसका एक उदाहरण काफी है। कर्मचारियों को मानदेय नहीं मिल रहा और 8-9 महीने से मैटिरियल कंपोनेंट और कुशल श्रमिक का कंपोनेंट के पैसों का भुगतान नहीं हो रहा है। हरीश रावत ने कहा कि यह मनरेगा को फेल करने का षढ़यंत्र है। राज्य सरकार मुश्त 8-9 महीने का मानदेय नहीं दे सकती तो कम से कम एक-दो महीने का मानदेय ही दे दे। इसकी प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार कर देगी।