बच्चा पैदा ना होने पर पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपी पति को 7 साल की सजा।

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नैनीताल। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नैनीताल सुजाता सिंह की अदालत ने पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी पति को सात वर्ष का सश्रम कारावास व दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा न करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में कई गवाह पेश किए गए।

पीड़ित पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने पैरवी की। उन्होंने कोर्ट को बताया 2 जुलाई 2020 को थाना हल्द्वानी में अल्मोड़ा निवासी मोहन सिंह नेगी की ओर से केस दर्ज कराया गया। जिसमें कहा गया कि उसकी बहन ललिता नेगी का विवाह 2012 में रामपुर रोड हल्द्वानी निवासी त्रिभुवन सिंह से हुआ। लेकिन ललिता को कोई औलाद न होने पर प्रताड़ित किया जाने लगा। उसका पति उसे ताना देकर शराब के नशे में मारपीट करता था। इस कारण वह ससुराल छोड़कर मायके चली आई। पर कुछ समय बाद उसका पति त्रिभुवन घर पहुंचा और माफी मांगने लगा।

लिखित माफी के बाद ललिता को पति के साथ भेज दिया। लेकिन स्थितियां ठीक नहीं हो सकी। इस दौरान लगातार वह अपने घर पर फोन कर रोती रहती थी। 22 जुलाई 2020 को फोन पर ललिता के आत्महत्या करने की सूचना मिली। पुलिस ने मामले में जांच शुरू की तो घटनास्थल से मृतका का सुसाइट नोट अगला बरामद किया। जिसमें मौत का कारण बच्चा पैदा न होने के लिए  प्रताड़ित किया जाना लिखा था। इसका आरोप मृतका ने अपने पति पर लगाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले मृतका के भाई रिपोर्टकर्ता व भाभी बीना नेगी व अन्य गवाहों के आधार पर तथ्यों को साबित किया।

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