स्विट्जरलैंड, मसूरी ही नहीं, नैनीताल से भी निहार सकते हैं विंटर लाइन का नज़ारा।

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प्रचार-प्रसार ना होने के कारण कम ही लोग जानते हैं इसके बारे में

नैनीताल। सरोवर नगरी की प्राकृतिक खूबसूरती का कोई जवाब नहीं है। यहां की नैसर्गिक सुंदरता, आबोहवा, हरे-भरे जंगल और शांत वातावरण सहित कुदरत ने इस शहर को कई खूबसूरत नजारे दिए हैं। इसी में शामिल है विंटर लाइन। लेकिन प्रचार-प्रसार अधिक नहीं होने के कारण इस विंटर लाइन के बारे में कम ही लोग जानते हैं। विंटर लाइन स्विट्जरलैंड और भारत में मसूरी में देखी जाती है, लेकिन नैनीताल में भी विंटर लाइन का शानदार नजारा देखा जा सकता है।

दिसंबर माह में इन दिनों नैनीताल का मौसम बेहद खुशनुमा बना हुआ है। दिन भर चटख धूप खिल रही है। शाम ढलने पर हल्द्वानी रोड पर हनुमानगढ़ी, ताकुला, चाइना पीक, किलबरी की ऊंची चोटियों और टांकी से तराई भाबर की ओर नजर डालने पर आसमान में विंटर लाइन देखी जा सकती है। स्थानीय लोगों के साथ ही बाहर से आने वाले पर्यटक भी इस नज़ारे का आनंद उठा रहे हैं।

विंटर लाइन क्या है?

जी बी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह बताते हैं कि विंटर लाइन धूल के कणों से बनती है, जो शाम के समय धूल के अधिक ऊपर उठने के कारण इस पर पड़ने वाली सूरज की किरणों से चमक उठती है।
बताया कि धूल के कण जितने अधिक होते हैं, विंटर लाइन उतनी ही अधिक गहरी बनती है। यह लाल, नारंगी रेखा होती है।

विंटर लाइन से नैनीताल के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही पर्यटन विभाग की ओर से योजना तैयार की जाएगी। इस दिशा में विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर कार्य किया जाएगा।

बृजेंद्र पांडेय, जिला पर्यटन अधिकारी।

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