भाजपा की दोनों सीटों पर हार के क्या रहे कारण…जनता को पसंद नहीं आया पार्टी बदलने वाला नेता

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उत्तराखंड में 2 सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को झटका लगा है। दोनों ही सीटों पर कांग्रेस पार्टी को जीत मिली है। कांग्रेस के उम्मीदवार लखपत सिंह बुटोला ने बद्रीनाथ सीट पर हुए उपचुनाव में 5224 वोटों के अंतर से जीता है। मार्च में कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद बद्रीनाथ सीट खाली हुई थी, जिसके बाद यहां पर उपचुनाव कराए गए और इस चुनाव में भाजपा की ओर से खड़े हुए राजेंद्र भंडारी को हार का सामना करना पड़ा। इस बात से साफ जाहिर होता है कि जनता भी दल बदल वाले नेता को नकारने लगी है।

बदरीनाथ और मंगलौर सीट पर भाजपा की हार ने कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम किया है। लोकसभा चुनाव से पहले गढ़वाल मंडल की यही एकमात्र सीट थी, जो कांग्रेस के पास थी। लेकिन, कांग्रेस विधायक राजेन्द्र भंडारी भाजपा में शामिल हो गए। यह सब इतने नाटकीय तरीके से हुए की जो भंडारी 24 घंटे पहले जिन कपड़ों में भाजपा के विरोध में आक्रामक प्रचार कर रहे थे, वही भंडारी उन्हीं कपड़ों में दिल्ली में भाजपा को सदस्यता ले लेते हैं। मजेदार बात यह है कि भाजपा संगठन को इसकी हवा भी नहीं लगती है। शायद इस बात को न तो भाजपा के कार्यकर्ता ही पचा पाए और न ही बदरीनाथ की जनता।

वहीं, मंगलौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस को जातीय समीकरणों का फायदा मिला। कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत मिली है। मंगलौर से कांग्रेस केकाजी निजामुद्दीन को जीत मिली है। काजी निजामुद्दीन को 422 मतों से जीत मिली है। हालांकि भाजपा ने करतार सिंह भड़ाना को टिकट देकर कुछ हद तक गुर्जर वोट को अपने पक्ष में किया। अल्पसंख्यक वोट बसपा ओर कांग्रेस में बंटा जरूर, लेकिन काजी ने यह सीट जीत ली।

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