
हल्द्वानी: नेपाल में हाल ही में हुए सत्ता परिवर्तन ने पूरे दक्षिण एशिया में हलचल मचा दी है। प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार गिरने के बाद अब वहां नई राजनीतिक तस्वीर उभर रही है। इस घटनाक्रम के बीच उत्तराखंड के पूर्व एनएसजी कमांडो एवं पूर्व रॉ एजेंट लक्ष्मण सिंह बिष्ट उर्फ लक्की कमांडो का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है, क्योंकि उन्होंने करीब आठ महीने पहले ही नेपाल में अस्थिरता की भविष्यवाणी कर दी थी।

लक्की कमांडो ने दिसंबर 2024 में एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि नेपाल में सत्ता परिवर्तन की नींव पड़ चुकी है। उनका दावा था कि भ्रष्टाचार, चीन की दखलअंदाजी और वैश्विक शक्तियों की छिपी राजनीति मिलकर नेपाल की सरकार को हिला सकती हैं। जिसके बाद पीएम ओली ने कैबिनेट बैठक बुलाकर इस बात का खंडन भी किया था। अब जब ओली सरकार गिर चुकी है, उनका पुराना बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

पूर्व एनएसजी कमांडो एवं पूर्व रॉ एजेंट होने के नाते लक्की कमांडो ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि नेपाल की जेलों से फरार अपराधियों में कई आतंकी और संगठित अपराधी शामिल हैं, जो भारत की सीमा के लिए खतरा बन सकते हैं। उन्होंने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को नेपाल के बोर्डर एरिया जो भारत से जुड़े हैं उन्हें अलर्ट रहने की सलाह दी थी।

लक्की कमांडो, जिन्होंने इस्राइल से लेकर भारत की वीवीआईपी सुरक्षा तक अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं, का मानना है कि नेपाल की मौजूदा स्थिति को केवल ‘सोशल मीडिया क्रांति’ कहना सही नहीं होगा। असली वजहें गहरी और बहुआयामी हैं—जिसमें राजनीतिक भ्रष्टाचार, अंतरराष्ट्रीय दबाव और रणनीतिक हस्तक्षेप शामिल हैं।
नेपाल की बदलती राजनीतिक तस्वीर अब भारत की सुरक्षा और कूटनीति के लिए चुनौती बनती जा रही है। सवाल यह है कि क्या भारत इस बार समय रहते तैयारी करेगा या फिर हालात बिगड़ने पर ही कदम उठाएगा?

