उत्तराखंड: तीसरी संतान का राज खुला तो ग्राम प्रधान निलंबित

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संतान की चाह में देहरादून जिले के प्रतीतनगर के ग्राम प्रधान में ऐसी प्लानिंग की कि वह खुद ही इसके लपेटे में आ गए। वर्ष 2019 के पंचायत चुनाव तक उनकी 02 संतान थी, लेकिन शपथ पत्र में उन्होंने 01 का ही जिक्र किया। 10 मार्च 2022 को उनकी तीसरी संतान हुई तो मामला खुल गया। इस मामले में गांव की एक महिला की शिकायत पर बैठाई गई जांच के क्रम में ग्राम प्रधान अनिल कुमार को निलंबित कर दिया गया है।

दरअसल, प्रतीतनगर निवासी बबीता कमल ने 11 अप्रैल 2023 को राज्य निर्वाचन आयोग, सचिव पंचायती राज एवं जिलाधिकारी को शिकायत देकर बताया कि प्रतीतनगर के ग्राम प्रधान अनिल कुमार पिवाल की 03 संतान हैं। उनका आरोप था कि अनिल कुमार पिवाल ने पंचायत चुनाव 2019 के निर्वाचन के समय झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत किया था। तब उनकी 02 संतान थी, मगर शपथ पत्र में उन्होंने एक का ही उल्लेख किया। फिर प्रधान निर्वाचित होने के बाद 10 मार्च 2022 को उनकी तीसरी संतान भी हो गई।

उत्तराखंड पंचायतीराज नियमों के अनुसार तीन संतान वाला व्यक्ति ग्राम प्रधान पद पर नहीं रह सकता है। शिकायत के बाद जिला पंचायतीराज अधिकारी की अध्यक्षता में गठित टीम ने प्रकरण की जांच की। टीम ने नगर निगम ऋषिकेश, स्वास्थ्य केंद्र रायवाला, आंगनबाड़ी, व स्वास्थ्य केंद्र मसूरी से भी जानकारी जुटाई। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित की।

मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान के मुतााबिक प्रतीतनगर के ग्राम प्रधान की तीन संतान होने के मामले की जांच पूरी हो गई है। प्रथम द्रष्टया उनको दोषी पाया गया। साथ ही उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए। जिसके बाद जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी गई थी। अब उन्हें निलंबित कर दिया गया है। अंतिम जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। जिसके आधार पर अन्य कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। माना जा रहा है कि ग्राम प्रधान पहले से ही तीसरी संतान की प्लानिंग में थे। इसी के चलते संभवतः उन्होंने निर्वाचन के लिए दाखिल शपथ पत्र में एक ही संतान का जिक्र किया।