उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री गीता उनियाल का निधन हो गया। यह जानकारी पर्वतीय नाट्य मंच के अध्यक्ष अभिनेता बलदेव राणा ने अपने फेसबुक से दी। उन्होंने जानकारी दी कि गीता ने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उत्तराखंड फिल्म जगत के लिए एक बहुत बड़ी दुखद खबर सामने आ रही है आपको बता दे उत्तराखंड की लोक कलाकार गीता उनियाल दुनिया को अलविदा कह चुकी है।
आपको बता दे गीता उनियाल पिछले कई सालों से ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही थी जिसमें उन्होंने एक बार खुद के बलबूते पर अपना कैंसर का इलाज करवाया था और वह ठीक भी हो गई थी लेकिन 2020 में उन्हें दोबारा से कैंसर ने जकड़ लिया था इसके बाद वह बुरी तरह टूट गई थी और उन पर आर्थिक संकट भी आ गया था। लेकिन वह फिर भी उन्होंने मन को मजबूत बनाए रखा और अपना कैंसर का इलाज करवा रही थी। लेकिन आखिरकार वह कैंसर से जंग हार गई और आज मंगलवार को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
गीता उनियाल ने उत्तराखंड फिल्म जगत में 20 साल तक काम किया था। गीता उनियाल उत्तराखंड लोक संस्कृति को बचाने के लिए भी लगातार कार्य करती थी।
गीता जी का जन्म उत्तराखंड के एक संपन परिवार में हुआ। बचपन से ही अभिनय में रूचि के चलते उन्होंने 2004 में उत्तराखंड एल्बम में काम करना शुरू किया। फिर कभी पीछे नहीं देखा और वो हर एक एल्बम में हिट होती चली गयी
उन्होंने 2011 में विकास उनियाल से लव मैरिज की, उनका एक बेटा भी है जिसका नाम रुद्राश है। घर की जिम्मेदारियों के बीच भी वो अपने संस्कृति के लगातार काम करती रहती थी। वो उन महिलाओं के लिए भी मिसाल हैं जो शादी के बाद घर के कामो में उलझकर अपना भविष्य बर्बाद कर देती हैं। उत्तराखंड के 200 से जादा एल्बम में काम कर चुकी गीता उनियाल का ये सफ़र काफी चुनौतियों से भी भरा था, लेकिन मेहनत और लगन ने उन्हें नयी दिशायें दी। फिल्म ‘भुली-ए- भुली’ में शानदार अभिनय सबके दिल और दिमाग में उत्तर गया।
इससे पहले भी उन्होंने, फ्योंली जवान ह्वेगे, भगत और घंडियाल, ब्यो, पीड़ा, संजोग अभी जग्वाल कैरा, फिल्मो में भी काम किया इतना ही नहीं उन्होंने ‘द हैवोक’ नाम की हिंदी फिल्म में भी काम किया। गीता जी की सुपरहिट एल्बम में सकला, खुद, नोनी भावना, छकना बांद, शुभागा, स्याली रौशनी, बिजुमा प्यारी, सुनीता स्याली, बिंदुली, बबिता, त्यारा सों, आंख्यों की तीस, जुन्याली रात और भी बहुत सारी एलबम शामिल हैं।